
- समाजसेवी सागर सिंह राहुल ने बुढ़ी मां के बेटे का दाह- संस्कार करने की ली जिम्मेदारी
बलिया। दुनिया में कुछ ऐसी तस्वीर सामने आती हैं जो हर किसी को झकझोर देती हैं और केवल यादें बनकर रह जाती हैं । मां शब्द ही अपने आप में बहुत बड़ा हैं, जिसके बिना पुरी दुनिया अधूरी लगती है।इस मां शब्द में स्नेह, ममता, प्रेम, त्याग, बलिदान, तपस्या, सहयोग, समर्पण, आदि न जाने कितनी ऐसी अनेकों विशेषताएं छुपी हुयी है,जिसे बयां कर पाना सम्भव नही है।
ऐसा ही मामला बलिया जनपद में देखने को मिला हैं।संदिग्ध परिस्थितियों में बेटे की मौत के बाद बूढ़ी मां पोस्टमार्टम हाउस के बाहर शव का इंतजार करती नजर आई। तमाम प्रयासो के बावजूद भी कुछ जानकारी नहीं मिल पाई। बूढ़ी मां के भाषा को समझ पाने में हर कोई असफल रहा। इस घटना की सूचना मिलते ही युवा समाजसेवी सागर सिंह राहुल बुजुर्ग महिला से मिले और मामले को जानने का प्रयास किया ।जब स्थिति और परिस्थिति के बारे में पता चला तो सागर सिंह ने स्वयं बूढ़ी मां के बेटे के शव का दाह संस्कार करने के लिए जिम्मेदारी उठा , जिसकी चारों तरफ खूब प्रशंसा हो रही है।