
मेजा, प्रयागराज। मांडा थाना क्षेत्र के बबुरा गांव की महिला को प्रसव पीड़ा होने पर रामनगर सीएचसी लेकर पहुँचें स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही ने मौत के घाट उतार दिया। इससे आक्रोशित परिजनों ने अधीक्षक को तहरीर देकर जमकर हंगामा किया। रिश्वत के चक्कर मे कर्मचारियों की लापरवाही ने नवजात की जान ले ली। घटना को लेकर परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया है।
मांडा थाना क्षेत्र के बबुरा निवासी अमित बिन्द की पत्नी फूलकुमारी को बीती रविवार की रात प्रदव पीड़ा शुरू हुई। परिजन रामनगर सीएचसी के लिए निकले थे कि रास्ते मे ही परिजनों द्वारा सुरक्षित प्रसव करा लिया गया। लेकिन नवजात की हालत बिगड़ता देख परिजन सीएचसी लेकर पहुँचें। इस दौरान सीएचसी में मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने इलाज हेतु बाहर से दवाएं लिखा। जिसे परिजन लेकर पुनः सीएचसी गए। लेकिन उपचार सुचारू रूप से ना होने पर नवजात की हालत गंभीर हो गई।
स्वास्थ्य कर्मियों ने रिश्वत की मांग को लेकर नवजात को अन्य अस्पताल ले जाने से रोक दिया। तकरीबन दो घण्टे बाद परिजन नवजात को लेकर शहर के लिए निकले की रास्ते मे ही उसकी मौत हो गई। इससे आक्रोशित परिजनों ने पुनः सीएचसी पहुँच कर हंगामा शुरू कर दिया। इससे सीएचसी में हड़कंप मच गया।
वहीं परिजनों ने अधीक्षक नीरज पटेल को लिखित तहरीर देकर कार्यवाही की मांग किया है। परिजनों का आरोप है कि यदि दो घण्टे समय बर्बाद न किया गया होता तो नवजात की जान बचाई जा सकती जा सकती थी। वही पत्रकारों के सवाल पर एएनएम ने बेरुखी से बात किया जिसे अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बना रहे वही देखा जाए तो उक्त एएनएम की कारगुजारी से लोगों में खासा आक्रोश व्याप्त।