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शरद पवार ने महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार के लिए विलासराव को दिया श्रेय, कहा- पृथ्वीराज की क्षमता पर था संदेह

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए बेहतर समझ और परिपक्वता रखने वाले कांग्रेस के दिवंगत नेता विलासराव देशमुख को इसका श्रेय दिया। पवार ने यह भी कहा है कि उन्हें पृथ्वीराज चव्हाण की क्षमता पर संदेह था जिनके नेतृत्व में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन ने 15 साल तक शासन करने के बाद 2014 में भाजपा के हाथों सत्ता गंवा दी।

मराठी भाषा में लिखी आत्मकथा ‘लोक माझे सांगाती’ के अद्यतन संस्करण में पवार ने लिखा है कि देशमुख ने कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार का नेतृत्व ऐसे माहौल में किया जो सहज और आपसी समझ पर आधारित था। पवार ने कहा है कि देशमुख के उत्तराधिकारी सुशील कुमार शिंदे और अशोक चव्हाण ने उनकी परंपरा को आगे बढ़ाया। राकांपा प्रमुख ने कहा कि लेकिन, पृथ्वीराज चव्हाण का मुख्य लक्ष्य राकांपा था, जिसके परिणामस्वरूप दोनों दलों के बीच तनावपूर्ण संबंध थे। इस किताब का मंगलवार को विमोचन किया गया।

पवार ने किताब में कहा है, ‘‘2011-12 की एक आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के बाद यह महसूस किया गया कि राकांपा नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाया गया और उन पर सवाल उठाए गए कि 2001-2010 के बीच सिंचाई पर 70,000 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद सिंचाई क्षमता में केवल 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि निर्णय लेने की प्रक्रिया धीमी हो गई थी और इससे चुनावों का सामना करने की भावना भी कमजोर हो गई।

उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बावजूद उस साल विधानसभा चुनाव का सामना करने के लिए कांग्रेस में सुधार के कोई संकेत नहीं मिले। पवार ने कहा कि भले ही बेदाग छवि पृथ्वीराज चव्हाण की सकारात्मक विशेषता थी, लेकिन उन्हें संदेह था कि क्या कांग्रेस नेता सभी को साथ लेकर चलने में सक्षम होंगे। पवार ने लिखा है पृथ्वीराज चव्हाण के माता-पिता आनंदराव और प्रेमलताई कांग्रेस में यशवंतराव चव्हाण के विरोध वाले खेमे में थे।

पवार ने लिखा, ‘‘चूंकि मेरे यशवंतराव चव्हाण के साथ अच्छे रिश्ते थे, इसलिए पृथ्वीराज चव्हाण के परिवार के साथ मेरे अच्छे संबंध नहीं थे। भले ही हमारे बीच कोई मतभेद या टकराव नहीं था, लेकिन कोई स्वस्थ और खुला संवाद भी नहीं था।’’ उन्होंने किताब में कहा है, ‘‘पृथ्वीराज चव्हाण के परिवार को दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व के करीबी के रूप में जाना जाता था। मुझे हमेशा लगता था कि यह निकटता महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार चलाने के लिए अच्छी नहीं थी। सकारात्मक शुरुआत के बाद, वह भूल गए कि राकांपा भी सहयोगी है।’’ पवार ने मंगलवार को किताब के विमोचन कार्यक्रम में कहा कि वह राकांपा के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे रहे हैं, जिसकी स्थापना उन्होंने 1999 में की थी।

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