
बहराइच। भारत नेपाल के बीच रोटी बेटी के संबंध हैं। यही नही भारत के संबंध नेपाल से धार्मिक, सामाजिक व सांस्कृतिक संबंध भी हैं। जांच के नाम पर नेपाल जाने वाले लोगो के साथ उत्पीड़न करने से बाज नही आ रही है। आए दिन नेपाल जाने वाले आम नागरिकों से झड़प होती है। ऐसा एक मामला कस्बा निवासी राज मालिक उर्फ मोनू से एसएसबी द्वारा किये गए दुर्व्यवहार व अपमान का मामला प्रकाश में आया है। मोनू कार मैकेनिक है। वह रुपईडीहा बीओपी पर किसी जवान की एलसीडी लेकर आया था। मोनू ने बताया कि मैं कार की खिड़की खोल कर सामान उतार ही रहा था तो बीओपी पर जांच कर रहे जवान के मारी मुत्थु ने कहा क्या कर रहा तो मैंने कहा कि आपके जवान की ही एलसीडी है वो देना है। तो मुत्थु ने कहा कि मैं किसी जवान को नही जानता तू यहां से निकल।
मोनू ने कहा कि मैं जवान को फोन करने लगा तो इसने मेरा मोबाइल जमीन पर पटक दिया। जिससे मोबाइल की स्क्रीन टूट गया। मैंने थाने में प्रार्थना पत्र दिया। थाने में पहुंचे डिप्टी कमांडेंट अनिल यादव ने अपने जवान का पक्ष लेते हुए कहा कि यहां के लोग जांच में बाधा डालते हैं। मोनू ने बताया कि मेरा मोबाइल ठीक कराने का वादा किया है। नेपाल सीमा से सटे सोनौली-भैरहवा, जोगबनी-विराटनगर व बढ़नी-कृष्णानगर पर भी एसएसबी तैनात है। भारत की एसएसबी सीधे नेपाल सीमा पर तैनात है। रुपईडीहा की एसएसबी नेपाल सीमा से लगभग 3 सौ मीटर पहले स्थित है। यहां से नेपाल जाने वाले लोगो को इस चिलचिलाती धूप में पैदल जाना पड़ता है। छोटे बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिला व विकलांग तक को 3 सौ मीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है।
एसएसबी नेपाल जाने वाले लोगो को वाहनों से पैदल चलने के लिए बाध्य करती है। जो नितांत अमानवीय है। वाहनों से उतर कर नेपाल जाने वाले यात्रियों को इस चिलचिलाती धूप में भारी तकलीफें उठानी पड़ रही है। नेपाल के सर्राफा व्यवसायी हरप्रीत सिंह रनहोत्रा ने बताया कि मैं सपरिवार शादी कर दिल्ली से लौट रहा था। चार माह के बच्चे को मेरी पत्नी 3 सौ मीटर गोद में लेकर चिलचिलाती धूप में पैदल लेकर नेपाल गेट तक गयी। एसएसबी ने रिक्शा गेट तक नही जाने दिया। रुपईडीहा थाने के कई पुलिस कर्मियों से इसी विचित्र जांच को लेकर एसएसबी के जवानों से झड़प हो चुकी है।
किसी को भी एसएसबी के बिगड़ैल जवान अहंकार पूर्वक व्यवहार करते हैं। तू कहाँ से आ रहा है, तू नीचे उतर आदि कहकर गाली गलौज तक उतर आते हैं। सेवा, सुरक्षा व बंधुत्व का नारा देने वाली एसएसबी के जवान आम नागरिकों से प्रतिदिन झगड़ते नजर आते हैं। मुख्य मार्ग पर नेपाल आने जाने वाले लोगो को एसएसबी के जवान अपमानित करते रहते हैं। जबकि रुपईडीहा के पूरब व पश्चिम एसएसबी के जवानों की मौजूदगी में लोग फ्री आ जा रहे हैं। भारी पैमाने पर सेटिंग गेटिंग के आधार पर तस्करी भी हो रही है। एसएसबी के ये दोहरा चरित्र इस इंडो नेपाल बार्डर के अमन पसंद नागरिकों की जबान पर है।