अनिल राजभर का अपनी बस्तियों में ताबड़तोड़ कार्यक्रम लगाना कहीं ओमप्रकाश राजभर को उनके गढ़ में ही घेरने की तैयारी तो नहीं?

बलिया। जैसे- जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आता दिख रहा है , वैसे- वैसे संभावित प्रत्याशी लोगों के बीच अपनी पैंठ बनाने के लिए नित्य नये-नये कार्यक्रमों का आयोजन कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराना शुरु कर दिये है। वैसे तो सभी राजनैतिक दलों के संभावित प्रत्याशी अपने-अपने ढंग से लोगों के बीच में समय – समय पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर का घोसी लोकसभा के चिलकहर ब्लाक में अपने स्वजातिय ग्राम प्रधानों / पूर्व प्रधानों के यहां नास्ते व भोजन के बहाने पहुंचना इस समय खासे चर्चा का विषय बना हुआ है। इसे कुछ लोग जहां घोसी लोकसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे है तो वहीं कुछ लोग इसे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को उनके गढ़ में ही अनिल राजभर के बहाने कमजोर करने की भाजपाई रणनीति का एक हिस्सा मान रहे है।
हालांकि लोकसभा चुनाव होने में अभी लगभग एक साल का समय शेष है , लेकिन जिस तरह से अनिल राजभर चिलकहर ब्लाक के अपने कुछ स्वजातिय ग्राम प्रधानों / पूर्व प्रधानों के यहां ताबड़तोड़ चाय नाश्ते व भोजन का कार्यक्रम लगाकर अपने समुदाय के बीच पैंठ बनाने का प्रयास कर रहें है , उसको राजनैतिक विष्लेषक लोकसभा के चुनावों से जोड़कर देख रहे है । साथ ही साथ यह भी मानकर चल रहे है कि अनिल राजभर शासन – सत्ता का कितना हूं प्रयोग कर ले , लेकिन राजभर समाज के बीच अभी भी ओमप्रकाश राजभर ही मान्य नेता है।
राजभर समाज के एक बड़े राजनैतिक चिंतक ने अपना नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि अभी- अभी स्थानीय निकाय के सम्पन्न चुनाव में अनिल राजभर ने अपनी पूरी ताकत झोंकने के बाद भी राजभर समाज के एकमात्र दावेदार को भाजपा से टिकट नहीं दिलवा पाये , जबकि उसी सीट पर ओमप्रकाश राजभर ने अपने प्रत्याशी को जीतवा कर अपना लोहा मनवाने का कार्य किया है। उक्त राजभर चिंतक ने अनिल राजभर के इस भ्रमण कार्यक्रम को कुछ सामुदायिक नेताओं के साथ एक – दुसरे को साधने वाला कार्यक्रम बताया हैं। उनके अनुसार कुछ सामुदायिक नेता अनिल राजभर का प्रयोग अपना भौंकाल टाइट करने में कर रहे है। जबकि इससे समाज का कोई खास भला होने वाला नहीं है।