
नई दिल्ली। कांग्रेस ने ट्विटर के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जैक डोर्सी के दावे को लेकर मंगलवार को सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार को इस मामले में स्पष्ट तौर पर जवाब देना चाहिए। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि सरकार को पत्रकारों, मीडिया और सोशल मीडिया मंचों को ‘डराना-धमकाना’ बंद करना चाहिए।
ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने एक साक्षात्कार में दावा किया है कि इस सोशल मीडिया मंच को देश में किसानों के प्रदर्शन के दौरान सरकारी दबाव और बंद किये जाने की धमकियों का सामना करना पड़ा था। सरकार ने उनके दावे को झूठा करार दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा-आरएसएस के राजनीतिक वंशज, जिनके पूर्वज स्वतंत्रता के आंदोलन में हिन्दुस्तानियों के ख़िलाफ़ खडे़ होकर अंग्रेजों के पक्ष में लड़े, वो ट्विटर के पूर्व सीईओ के बयान पर राष्ट्रवाद का ढोंग न रचें !
देश को शर्मिंदा करने में भाजपा अव्वल है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘अंग्रेजों की ग़ुलामी से भाजपा ने केवल तानाशाही की टूलकिट अपनाई है — किसान आंदोलन को कुचलने के लिए मोदी सरकार ने क्या कुछ नहीं किया, खुद प्रधानमंत्री मोदी जी ने अन्नदाता किसानों को ‘आंदोलनजीवी’ बुलाया, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किसानों पर विदेशी फ़ंडिंग लेने का आरोप लगाया, भाजपा के मंत्रियों और नेताओं ने किसानों को नक्सली, आतंकवादी और देशद्रोही बुलाया, कंटीले तार, सीमेंट की दीवारें, रोड पर कीलें बिछाकर उनका रास्ता रोकने की कोशिश की, उनपर लाठियों से जुल्म ढाए।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘750 किसानों की जान गई। उनको श्रद्धांजलि और मुआवज़ा देना तो दूर, उन शहीदों के लिए संसद में एक मिनट का मौन भी नहीं रखा। 1.48 लाख़ किसान आज भी किसान आंदोलन के दौरान दर्ज केस लड़ने को मजबूर हैं।’’ खरगे ने कहा, ‘‘अगर ये सब किया तो पत्रकारों और किसान आंदोलन के नेताओं को धमकाना मोदी सरकार के लिए कोई बड़ी बात नहीं है।
देश में लोकतंत्र ख़त्म करने की भाजपाई साज़िश को हम नाकाम करते रहेंगे।’’ कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि डोर्सी के दावे ने उन बिंदुओं को फिर से सामने लाने का काम किया है, जिनके खिलाफ कांग्रेस लड़ रही है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह शर्मनाक है कि मोदी सरकार सत्ता हथियाए रखने के लिए लोकतंत्र की जननी को इतने निचले स्तर पर ले गई और विरोध की सारी आवाज को दबा रही है।’’
पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत यह दावा भी किया कि सरकार के निर्देश पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट पर छह महीने के लिए रोक लगाई गई थी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ये जो तथ्य सामने आ रहे हैं, वह वाकई में भयावह हैं, डरावने हैं। स्पष्ट है कि देश के प्रधानमंत्री और सरकार डरती है.. जब भी सरकार को आईना दिखाया जाता है, तो अंतरराष्ट्रीय साजिश की बात की जाती है।’’
सुप्रिया ने सवाल किया, ‘‘आज जैक डोर्सी को झूठ बोलने की क्या जरूरत है? झूठ बोलने से उनको क्या मिलेगा?’’ उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी कहते हैं कि देश के लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। डोर्सी की टिप्पणी से यह बात फिर प्रमाणित हो जाती है।’’ सुप्रिया ने कहा कि पत्रकारों, मीडिया और सोशल मीडिया मंचों को धमकाने का सिलसिला बंद होना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर के पूर्व सीईओ के बयान का हवाला देते हुए सवाल किया कि क्या सरकार इस पर जवाब देगी? उधर, सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने डोर्सी के बयान को झूठा करार दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, “यह जैक डोर्सी का एक झूठ है। यह शायद ट्विटर के इतिहास के उस बहुत ही संदिग्ध दौर को मिटाने का प्रयास है। डोर्सी और उनकी टीम के अंतर्गत ट्विटर भारतीय कानून का बार-बार और लगातार उल्लंघन कर रहा था।”
चंद्रशेखर ने ट्वीट किया, ‘‘डोर्सी और उनकी टीम के समय ट्विटर लगातार और बार-बार भारतीय कानून का उल्लंघन कर रहा था। उन्होंने 2020 से 2022 तक बार-बार कानूनों की अवमानना की और जून 2022 में ही उन्होंने अंतत: अनुपालन शुरू किया।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डोर्सी के समय ट्विटर को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में समस्या थी और वह ऐसे व्यवहार करता था, मानो भारत के कानून उस पर लागू नहीं होते।
उन्होंने कहा, ‘‘एक संप्रभु राष्ट्र होने के नाते भारत के पास यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि उसके कानूनों का भारत में संचालित सभी कंपनियां पालन करें।’’ डोर्सी ने एक साक्षात्कार में कहा है, “किसान आंदोलन के आसपास भारत से कई निवेदन आये, खासतौर से उन पत्रकारों को लेकर जो सरकार को लेकर आलोचनात्मक थे…. और ऐसा कहा गया कि हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे, आपके कार्यालयों को बंद करवा देंगे… यह भारत की बात है, एक लोकतांत्रिक देश की।”