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कांग्रेस ने नेहरू संग्रहालय का नाम बदलने को ‘ओछापन’ बताया, कहा- इतिहास रचा जाता बदला नहीं जाता, भाजपा का पलटवार

नई दिल्ली। कांग्रेस ने नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (एनएमएमएल) का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसाइटी किए जाने को लेकर बुधवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लगातार हमले के बावजूद देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत हमेशा जिंदा रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पलटवार करते हुए कहा कि मुख्य विपक्षी दल की विचार प्रक्रिया अकेले नेहरू-गांधी परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सभी प्रख्यात हस्तियों को सम्मान देने में विश्वास करते हैं। एनएमएमएल का नाम बदले जाने के निर्णय के कुछ सप्ताह बाद सरकार ने औपचारिक रूप से बुधवार को इसका नाम प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी कर दिया।

पहले यह पूरी तरह से देश के प्रथम प्रधानमंत्री को समर्पित था लेकिन सरकार ने अन्य सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों को इसमें प्रमुखता से स्थान देने के लिए इसका नाम बदलने का निर्णय लिया था। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि एनएमएमएल का नाम बदलना इस सरकार के ‘ओछेपन और द्धेष’ को दिखाता है। रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”आज से एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिल गया है।

विश्व प्रसिद्ध नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय अब प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय बन गया है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी भय, हीन भावना और असुरक्षा से भरे नज़र आते हैं, विशेष रूप से तब, जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री की आती है। उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को गलत ठहराना, बदनाम करना, तोड़-मरोड़ कर पेश करना और नष्ट करना है।

उन्होंने ‘एन’ को मिटाकर उसकी जगह ‘पी’ लगा दिया है। यह पी वास्तव में ‘पिटीनेस’ (ओछापन) और ‘पीवी’ (द्धेष) को दर्शाता है।’’ रमेश ने कहा, ‘‘स्वतंत्रता आंदोलन में नेहरू के व्यापक योगदान और भारतीय राष्ट्र-राज्य की लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और उदार नींव डालने में उनकी महान उपलब्धियों को कभी भी कम नहीं किया जा सकता। चाहे इन उपलब्धियों पर प्रधानमंत्री मोदी और उनके लिए ढोल पीटने वाले जितना हमला करते रहें।’’

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘लगातार हो रहे हमलों के बावजूद, जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के सामने जीवित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।’’ कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि नेहरू की विरासत को धूमिल करने का प्रयास सूरज को दीया दिखाने की तरह है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह सरकार मानसिक और सैद्धांतिक विरोधाभास से घिरी हुई है। इतिहास रचा जाता है, इतिहास बदला नहीं जाता।

इमारतें बना देने और किसी जगह का नाम बदल देने से प्रधानमंत्री की संकीर्ण सोच दिखाई देती है।’’ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस नेहरू-गांधी परिवार को बढ़ावा देने के इर्द-गिर्द केंद्रित है जबकि मोदी ने सुनिश्चित किया है कि सभी प्रधानमंत्रियों को सम्मानजनक स्थान दिया जाए। उन्होंने कहा कि इससे पहले किसी अन्य प्रधानमंत्री को संग्रहालय में जगह नहीं दी गई थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं की आलोचना कुछ और नहीं बल्कि दरबारियों का विलाप है। भाजपा के एक अन्य नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मोदी ने कांग्रेस सहित सभी प्रधानमंत्रियों को सम्मानित करने की कोशिश की है। नकवी ने कहा कि उन्होंने हमारे उन सभी महापुरुषों को सम्मान दिया है जिन्हें कांग्रेस ने भुला दिया था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि केवल एक परिवार ने राष्ट्र के निर्माण में योगदान दिया और सभी संस्थानों का नाम उसने अपने सदस्यों के नाम पर रखा। नयी दिल्ली स्थित तीन मूर्ति भवन जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक आवास था।

बाद में इस परिसर को संग्रहालय में बदल दिया गया और नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय की स्थापना की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में एक विचार रखा था कि तीन मूर्ति परिसर के अंदर भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय होना चाहिए, जिसे नेहरू स्मारक की कार्यकारी परिषद ने मंजूर कर लिया। विभिन्न पूर्व प्रधानमंत्रियों को समर्पित यह संग्रहालय अप्रैल 2022 में जनता के लिए खोल दिया गया।

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