जकात की रकम से मस्जिद का जनरेटर नहीं खरीदा जा सकता : मौलाना फिरंगी महली
लखनऊ। इस्लामिक सेन्टर ऑफ इंडिया के दारुल निजामिया मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि जकात की रकम से मस्जिद का जनरेटर खरीदा नहीं जा सकता। ये हो सकता है कि कोई गरीब आदमी कर्ज लेकर जनरेटर खरीद कर मस्जिद को दे दे और जकात इस गरीब को कर्ज अदा करने के लिए दे दी जाये।
प्रतिदिन इस्लामिक सेन्टर ऑफ इंडिया के हेल्पलाइन में देश-विदेश से फोन कर लोगों द्वारा अपने प्रश्नों के उत्तर लिये जा रहे हैं। मौलाना फिरंगी महली के नेतृत्व में तैयार पैनल लोगों के प्रश्नों के उत्तर दे रहा है। पैनल को जकात को लेकर बहुत सारे प्रश्न किये जा रहे हैं और इसी में एक प्रश्न किया गया कि क्या जकात की रकम से मस्जिद का जनरेटर खरीदा जा सकता है। इस पर मौलाना फिरंगी महली ने दो टूक जवाब दिया कि ये सही नहीं है।
एक दूसरे प्रश्न में पूछा गया कि जकात की रकम से मदरसे की मरम्मत या टाट वगैरह खरीद कर देना सही है, इस पर मौलाना फिरंगी महली के पैनल ने उत्तर दिया कि जकाम की रकम से मदरसे की मरम्मत व टाट वगैरह खरीद कर देना बिल्कुल सहीं नहीं है। ऐसा नहीं होना चाहिए।
ईद के मौके पर नौकरों को जकात की नियत से रकम देने क्या जकात अदा हो जायेगी, इस प्रश्न के उत्तर पर पैनल ने कहा कि अगर हकदार है तो देते वक्त नियत कर लेने से अदा हो जायेगी। इसी तरह अगर किसी व्यक्ति के जाहिरी हालत से यह गुमान हो कि यह शख्स हाजतमंद है तो उसे जकात दी जा सकती हैं।
मौलाना फिरंगी महली ने बताया कि मुसलमान के पास तमाम खर्च करने के बाद 100 रुपए बचते हैं तो उसमें से 2.5 रुपये किसी गरीब को देना जरूरी होता है। यह रकम किसी गरीब या जरूरतमंद को दिया जाता है, उसे ही जकात कहते हैं।