जब से अफगानिस्तान पर तालिबानियों का कब्जा हुआ है, वहां महिलाओं की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। तालिबान ने इस्लाम का हवाला देते हुए मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा और नौकरी पर पाबंदी भी लगा दी है। इसको लेकर विश्व में कई तरह की चर्चाएं हुई। अब इसी मुद्दे पर जावेद अख्तर ने एक ट्वीट किया है।
जावेद अख्तर ने अपने इस ट्वीट के जरिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और इस्लामिक गुरुओं को घेरा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि तालिबान ने महिलाओं पर पाबंदी लगा दी है और इस्लामिक गुरु चुप क्यों है? क्या वे इससे सहमत है? दरअसल, अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले जाने-माने पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख्तर अपनी इस ट्वीट को लेकर खूब चर्चा में है।
अपने ट्वीट में जावेद अख्तर ने लिखा कि तालिबानियों ने इस्लाम के नाम पर सभी महिलाओं और लड़कियों को स्कूल-कॉलेजों और सभी नौकरियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारतीय मुस्लिम पर्सनल बोर्ड और अन्य इस्लामिक विद्वानों ने इसकी निंदा क्यों नहीं की? क्यों? क्या वे तालिबानियों से सहमत हैं? जावेद अख्तर के इस ट्वीट पर कई लोग अपने तर्क भी दे रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि भारत के भी इस्लामिक गुरुओं ने तालिबान के इस फैसले का विरोध किया था और सवाल उठाए थे।
Talibanss have banned all women and girls from the schools colleges unversitied and all the jobs in the name of Islam . Why have Indian Muslim personal board and other Islamic scholar not condemned this . Why . Do they agree with Talibans
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) January 5, 2023
वही जावेद अख्तर के इस ट्वीट पर फिल्ममेकर अशोक पंडित ने भी जवाब दिया है। अपने ट्वीट में जावेद साहब इन्होंने आज तक कब किया है जो अब करेंगे? आख़िर जमात तो एक ही है ना? उन्होंने कहा कि राजौरी में कुछ दिन पहले हिंदुओं की हत्या हुई थी जिससे सारा देश काँप गया! काश आप एक ट्वीट कर के उन परिवारों के साथ अपना दुख व्यक्त करते?