
सोने और चांदी की कीमतों में हाल ही में गिरावट आई है, जो वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों के प्रभाव के कारण है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक, फेड, द्वारा ब्याज दरों में कटौती की घोषणा के बाद, निवेशकों का रुझान कम रिटर्न वाले सुरक्षित विकल्पों की ओर बढ़ा, जिसका असर कीमती धातुओं की कीमतों पर पड़ा। सोना ₹1,029 गिरकर ₹75,629 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जबकि चांदी ₹2,214 गिरकर ₹86,846 प्रति किलो बिक रही है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि जब ब्याज दरें घटती हैं, तो सोने और चांदी जैसे कीमती धातुओं की मांग बढ़ती है क्योंकि ये धातुएं मुद्रास्फीति से सुरक्षा का एक साधन मानी जाती हैं। हालांकि, फेड की नीतियों के साथ-साथ वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ भी इस गिरावट का कारण बन रही हैं। निवेशक इस समय को सोने और चांदी में निवेश के लिए एक अवसर के रूप में देख सकते हैं, लेकिन इस दौरान बाजार में और उतार-चढ़ाव की संभावना जताई जा रही है।
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, अगली कुछ तिमाहियों में बाजार में स्थिरता की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन वर्तमान में कीमती धातुओं की कीमतों में गिरावट एक अस्थायी स्थिति हो सकती है। यह स्थिति निवेशकों के लिए एक अच्छा समय हो सकता है, जो दीर्घकालिक निवेश की योजना बना रहे हैं।