
भारत के दो सबसे बड़े उद्योगपति, मुकेश अंबानी और गौतम अदाणी, अब आमने-सामने नहीं, बल्कि एक ही प्लेटफॉर्म पर साथ आ गए हैं। एक खास बिजनेस डील के तहत रिलायंस इंडस्ट्रीज़ और अदाणी ग्रुप ने साझेदारी की है, जहां अंबानी की कंपनी आवश्यक उत्पादों की सप्लाई चेन संभालेगी, वहीं अदाणी ग्रुप उसका डिस्ट्रिब्यूशन और रिटेल देखेगा। यह सौदा भारतीय बाजार में सप्लाई और बिक्री के नए मॉडल को दर्शाता है। माना जा रहा है कि इस साझेदारी से न सिर्फ इन दोनों दिग्गजों को फायदा होगा, बल्कि भारत की आर्थिक संरचना पर भी बड़ा असर पड़ेगा। यह पहला मौका है जब दोनों बड़े कॉर्पोरेट घराने प्रतिद्वंद्विता की बजाय सहयोग के रास्ते पर चले हैं।
यह डील उन अफवाहों को भी शांत करती है जो लंबे समय से अंबानी और अदाणी को एक-दूसरे के प्रतिस्पर्धी के रूप में दिखा रही थीं। अब दोनों दिग्गजों का एक साथ आना न सिर्फ कॉरपोरेट जगत में बड़ा संकेत है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत में बड़े कारोबारी घराने अब सहयोग के जरिए नए अवसर तलाशना चाहते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, यह साझेदारी ऊर्जा, केमिकल्स और कंज्यूमर गुड्स सेक्टर से जुड़ी है। रिलायंस जहां उत्पादन और लॉजिस्टिक्स में आगे रहेगा, वहीं अदाणी ग्रुप अपनी मजबूत रिटेल और पोर्ट नेटवर्क के ज़रिए इन उत्पादों को देश के कोने-कोने तक पहुंचाएगा। इससे सप्लाई चेन और तेज़ और सुचारु बनेगी।
इस कदम को सरकार और उद्योग विशेषज्ञों ने भी सकारात्मक रूप में देखा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब देश के दो सबसे शक्तिशाली बिज़नेस समूह एक साथ काम करते हैं, तो उसका असर सिर्फ उनके मुनाफे पर नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और रोज़गार के अवसरों पर भी पड़ता है।
छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप्स के लिए भी यह साझेदारी प्रेरणा बन सकती है कि प्रतिस्पर्धा के बजाय सहयोग की भावना के साथ काम करना दीर्घकालिक लाभ पहुंचा सकता है। इस डील से जुड़े मॉडल को अन्य सेक्टर में भी अपनाने की संभावना जताई जा रही है।
भविष्य में यदि यह साझेदारी सफल रहती है, तो अंबानी और अदाणी ग्रुप अन्य सेक्टर्स जैसे ग्रीन एनर्जी, फार्मा या टेक्नोलॉजी में भी मिलकर काम कर सकते हैं। इससे भारत को वैश्विक स्तर पर मजबूत कारोबारी ताकत बनाने की दिशा में और गति मिलेगी।
जनता और निवेशकों के बीच भी इस खबर को लेकर खासा उत्साह है। स्टॉक मार्केट में दोनों कंपनियों के शेयरों में हल्की तेजी देखने को मिली है, जिससे संकेत मिलता है कि इस साझेदारी को वित्तीय बाजार भी सकारात्मक रूप में देख रहा है।