
अगर आपका CIBIL स्कोर खराब हो गया है और आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए बार-बार रिजेक्ट हो रहे हैं, तो अब घबराने की जरूरत नहीं। सिबिल स्कोर को सुधारना मुश्किल नहीं है, बस इसके लिए कुछ अनुशासित वित्तीय आदतें अपनानी होंगी। सबसे पहले, समय पर EMI और क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करना शुरू करें। दूसरी बात, अपने क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो यानी उपलब्ध लिमिट के मुकाबले खर्च को 30% से कम रखें। अगर आपने पुराना कोई लोन डिफॉल्ट किया है, तो उसका सेटेलमेंट या रीपेमेंट करें और अपडेटेड रिपोर्ट चेक करें। साथ ही, नई क्रेडिट इनक्वायरी बार-बार न करें क्योंकि इससे स्कोर और नीचे जा सकता है। अगर आप इन स्टेप्स को ईमानदारी से अपनाते हैं, तो आपका CIBIL स्कोर कुछ ही महीनों में 700+ तक पहुंच सकता है।
सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि CIBIL स्कोर एक क्रेडिट हेल्थ रिपोर्ट कार्ड की तरह होता है, जो यह दर्शाता है कि आपने अपने पुराने कर्जों और क्रेडिट कार्ड की देनदारियों को कितनी ईमानदारी से निभाया है। यदि आपने समय पर भुगतान नहीं किया, अधिक लोन लिया या कई बार लोन के लिए अप्लाई किया है, तो ये सभी चीज़ें आपके स्कोर को नीचे खींचती हैं।
स्कोर सुधारने के लिए एक स्मार्ट तरीका है — क्रेडिट मिक्स बनाए रखना। इसका मतलब है कि आपके पास कुछ secured loans (जैसे होम या ऑटो लोन) और कुछ unsecured loans (जैसे पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड) होने चाहिए। इससे क्रेडिट ब्यूरो को लगता है कि आप विभिन्न प्रकार की वित्तीय जिम्मेदारियों को हैंडल करना जानते हैं।
इसके अलावा, क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़वाना, लेकिन खर्च कम करना भी स्कोर सुधारने में मदद करता है। जैसे-जैसे आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो घटता है, वैसे-वैसे स्कोर में सुधार होता है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी लिमिट ₹1 लाख है और आप हर महीने ₹80,000 खर्च कर रहे हैं, तो यह 80% यूटिलाइजेशन है — जो ज्यादा है। कोशिश करें कि यह 30% से कम रहे।
यदि आपने किसी पुराने कर्ज पर डिफॉल्ट किया है, तो उसका सेटेलमेंट या फुल पेमेंट करना बेहद जरूरी है। लोन चुकता करने के बाद संबंधित बैंक से अनुरोध करें कि वे इसे “Closed” या “Paid in Full” के रूप में CIBIL को रिपोर्ट करें। इससे आपकी रिपोर्ट की विश्वसनीयता बढ़ेगी।