अब एलआईसी के आईपीओ से 21 हजार करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी
- एलआईसी में आईपीओ के लिए 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार
नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन संकट के चलते भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का साइज घटा दिया गया है। केंद्र सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी में आईपीओ के लिए अब 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह जानकारी दी।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी में अब 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 21 हजार करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है। इससे पहले सरकार एलआईसी में 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने वाली थी। हालांकि, शेयर बाजार में इश्यू की मांग अच्छी रही तो इसकी लिमिट बढ़ाकर 3.5 फीसदी से 5 फीसदी किया जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार मई के पहले हफ्ते में एलआईसी का आईपीओ लॉन्च कर सकती है। दरअसल घरेलू शेयर बाजार में जारी बिकवाली और विदेशी निवेशकों की मांग में कमी के मद्देनजर एलआईसी के आईपीओ का साइज घटाया गया है। इसके बावजूद एलआईसी का आईपीओ देश के इतिहास में अब तक सबसे बड़ा आरंभिक सार्वजनिक निर्गम होगा।
उल्लेखनीय है कि एलआईसी का आईपीओ पहले मार्च, 2022 में लॉन्च होने वाला था, लेकिन मौजूदा रूस-यूक्रेन संकट की वजह से इसको टाल दिया गया गया था। हालांकि, एलआईसी का आईपीओ लाने के लिए 12 मई, 2022 तक का वक्त है। अगर सरकार 12 मई तक एलआईसी का आईपीओ नहीं ला पाती है, तो उसे दिसंबर तिमाही के नतीजे के साथ सेबी के पास फिर इसके लिए नए कागजात दाखिल करने होंगे।