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कमजोर CIBIL स्कोर वालों के लिए बड़े काम का है सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड, जानिए इसके फायदे और यह कैसे काम करता है?

क्रेडिट कार्ड आज के समय में हर शख्स की जरूरत बन गया है. क्रेडिट कार्ड की मदद से यूटिलिटी बिल्स, ऑनलाइन शॉपिंग, फ्यूल पेमेंट समेत कई तरह के काम किए जाते हैं जिसके कारण इसकी उपयोगिता बढ़ गई है. क्रेडिट कार्ड की खासियत है कि आपको पेमेंट के लिए 50 दिनों का इंट्रेस्ट फ्री पीरियड मिल जाता है. हालांकि, बैंक केवल उन लोगों को क्रेडिट कार्ड जारी करता है जिनका क्रेडिट स्कोर मजबूत है. जिन लोगों का रीपेमेंट हिस्ट्री मजबूत नहीं है या फिर सिबिल स्कोर तैयार नहीं हुआ है, उनके लिए सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध है.

सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड उनलोगों को जारी किया जाता है जिनका सिबिल स्कोर मजबूत नहीं है या फिर अभी तक जेनरेट नहीं हुआ है. सिक्यॉर्ड कार्ड की मदद से कस्टमर अपना सिबिल स्कोर तैयार कर सकता है और उसे मजबूत भी कर सकता है. कुछ दिनों के इस्तेमाल के बाद आपक क्रेडिट कार्ड के लिए भी एलिजिबिल हो जाते हैं. आइए जानते हैं कि सिक्यॉर्ड कार्ड क्या होता है, इसे कैसे जारी किया जाता है और इसके क्या फायदे हैं.

सिक्योर्ड कार्ड क्या होता है?

सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड कोलैट्रल आधारित होता है. जैसे सिक्योर्ड लोन होता है, उसी तरह यह सिक्योर्ड कार्ड होता है. अमूमन बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट के बदले सिक्यॉर्ड कार्ड देते हैं. अगर बैंक में पहले एफडी है तो उसके बदले इसे जारी किया जा सकता है. या फिर अपने नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट खुलवाएं और उसके बदले सिक्यॉर्ड जारी कर दिया जाएगा. सिक्योर्ड कार्ड के लिए बैंक कम से कम 10 हजार रुपए का एफडी मांगते हैं.

यह काम कैसे करता है?

सिक्योर्ड कार्ड क्रेडिट कार्ड की तरह ही काम करता है. हालांकि, इसके इस्तेमाल को लेकर कुछ शर्ते होती हैं. सिक्योर्ड कार्ड की लिमिट की बात करें यह फिक्स्ड डिपॉजिट का 75-80 फीसदी तक होता है. इसका मतलब है कि अगर आपका एफडी 1 लाख रुपए का है तो सिक्योर्ड कार्ड की लिमिट 75-80 हजार रुपए तक हो सकती है.

सिक्योर्ड कार्ड के क्या फायदे और नुकसान हैं?

  1. सिक्योर्ड कार्ड का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि यह तुरंत अप्रूव हो जाता है. इसके लिए इनकम प्रूफ, बैकग्राउंड चेक की जरूरत नहीं होती है. केवल बैंक में जाकर फिक्स्ड डिपॉजिट खुलवाना होता है और उसके बदले सिक्यॉर्ड कार्ड जारी कर दिया जाता है. आपका एफडी अमाउंट जितना ज्यादा होगा इस कार्ड की लिमिट उतनी ज्यादा होगी.
  2. आपका सिबिल स्कोर बना है या कमजोर है इससे सिक्योर्ड कार्ड पर किसी तरह का असर नहीं होता है. सिक्यॉर्ड की मदद से आप अपना सिबिल स्कोर जेनरेट भी कर सकते हैं और इस मजबूत भी कर सकते हैं.
  3. इस कार्ड का इस्तेमाल भी लिमिट में करें. ड्यू पेमेंट को टाइम पर क्लियर करें. अगर इस कार्ड का लगातार इस्तेमाल करते हैं और पेमेंट भी समय पर करते हैं तो इससे आपका क्रेडिट स्कोर मजबूत होगा.
  4. इस कार्ड का एक और फायदा ये है कि फिक्स्ड डिपॉजिट के बदले आपको सिक्योर्ड रिटर्न मिलता रहेगा.
  5. सिक्योर्ड कार्ड के लिए एनुअल मेंटिनेंस चार्ज भी कम होता है. मिनिमम फिक्स्ड डिपॉजिट का अमाउंट में तकरीबन 10 हजार रुपए होता है.

सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड की कुछ खामियां भी हैं

  1. इसकी पहली खामी है कि फंड की कमी रहती है. सबसे पहले बैंक के साथ फिक्स्ड डिपॉजिट खोलना होगा. उस फंड का दूसरे महत्वपूर्ण जगह इस्तेमाल किया जा सकता है. चूंकि एफडी पर रिटर्न उतना शानदार नहीं है ऐसे में वह डेड मनी की तरह है. एफडी का 80 फीसदी तक सिक्योर्ड कार्ड की लिमिट होगी. ऐसे में ज्यादा लिमिट के लिए ज्यादा अमाउंट का फिक्स्ड डिपॉजिट करना होगा.
  2. एफडी अमाउंट के मुताबिक इसकी लिमिट होती है, जिसके कारण खर्च करने की लिमिट भी कम रहती है.
  3. आपका पैसा लॉक रहता है: जब तक आपका सिबिल स्कोर मजबूत नहीं हो जाता और सिक्योर्ड कार्ड के बदले रेग्युलर क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर दिया जाता है तब तक आपके एफडी का पैसा लॉक्ड रहता है.

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