
विश्व व्यापार संगठन (WTO) की प्रमुख ने भारत से अपील की है कि वह चीन द्वारा प्रस्तुत निवेश सुविधा प्रस्ताव का समर्थन करे। इस प्रस्ताव का उद्देश्य वैश्विक व्यापार में पारदर्शिता, निवेशकों की सुरक्षा और प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। WTO का मानना है कि इस प्रस्ताव से विकासशील देशों को विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
भारत इस प्रस्ताव को लेकर सतर्क है, क्योंकि यह चीन की भूमिका और प्रभाव को वैश्विक व्यापार ढांचे में और मजबूत कर सकता है। भारत अब तक इस प्रस्ताव को समर्थन देने से बचता रहा है, यह मानते हुए कि इससे विकासशील देशों के नीतिगत अधिकारों पर असर पड़ सकता है।
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WTO प्रमुख का कहना है कि वैश्विक निवेश वातावरण को स्थिर और अनुकूल बनाना सभी देशों के हित में है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस तरह के प्रस्तावों से छोटे और मंझोले देशों को भी अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से जोड़ने का मौका मिलेगा।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस अपील पर क्या रुख अपनाता है, खासकर तब जब वह आत्मनिर्भर भारत और घरेलू निवेश को प्राथमिकता देने की नीति पर चल रहा है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर भारत की प्रतिक्रिया अंतरराष्ट्रीय व्यापार जगत के लिए महत्वपूर्ण संकेत होगी।