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भारत ने बच्चों के खिलाफ अत्याचारों से ध्यान हटाने के पाकिस्तान के प्रयासों को किया खारिज, कहा- दुनिया पहलगाम हमले को भूली नहीं है

संयुक्त राष्ट्र। भारत ने पाकिस्तान में बच्चों के खिलाफ किए जा रहे अत्याचारों और सीमा पार से बढ़ते आतंकवाद से ध्यान हटाने के पड़ोसी देश के प्रयासों तथा संयुक्त राष्ट्र की प्रक्रियाओं को लेकर उसके ‘अनुचित आक्षेपों’ को दृढ़ता से खारिज करते हुए कहा है कि दुनिया पहलगाम हमले को भूली नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी हरीश ने कहा, ‘‘मैं पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा की गई राजनीतिक रूप से प्रेरित टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देने के लिए बाध्य हूं, जो सीएएसी (बच्चों और सशस्त्र संघर्ष) एजेंडे के गंभीर उल्लंघनकर्ताओं में से एक है।’’

बुधवार को ‘बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघनों को समाप्त करने और रोकने के लिए प्रभावी रणनीति’ विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस में एक बयान में हरीश ने कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र की प्रक्रियाओं पर अनुचित आरोप लगा रहा है और अपने नापाक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न चर्चाओं में भारत को बदनाम कर रहा है।

हरीश ने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान में बच्चों के खिलाफ किए जा रहे अत्याचारों, जैसा कि महासचिव की रिपोर्ट में उजागर किया गया है और साथ ही बड़े पैमाने पर सीमा पार आतंकवाद से ध्यान हटाने की उसकी कोशिश को खारिज करते हैं।’’ हरीश ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस की सीएएसी पर जारी रिपोर्ट में पाकिस्तान में सशस्त्र संघर्ष में बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघन का विवरण दिया गया है।

महासचिव ने पाकिस्तान में ‘‘स्कूलों, विशेष रूप से लड़कियों के स्कूलों, स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हमलों सहित इस तरह के गंभीर उल्लंघनों में वृद्धि पर और अफगानिस्तान की सीमा से लगे क्षेत्रों में घटनाओं के बारे में भी चिंता व्यक्त की है, जहां अफगान बच्चों की हत्या और उनके अपंग होने की घटनाओं के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तानी सशस्त्र बलों द्वारा सीमा पार से गोलाबारी और हवाई हमलों को जिम्मेदार ठहराया गया था।’’

हरीश ने कहा, ‘‘इस तरह के व्यवहार के बाद इस संस्था में उपदेश देना घोर पाखंड है।’’ उन्होंने संरा परिषद को बताया कि दुनिया 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी और पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों को भूली नहीं है, जिनमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद ने 25 अप्रैल को एक प्रेस वक्तव्य जारी किया था, जिसमें इस निंदनीय कृत्य के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के कठघरे में लाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया था। हरीश ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने मई 2025 में जानबूझकर भारतीय सीमावर्ती गांवों पर गोलाबारी की, जिसमें कई नागरिक मारे गए और घायल हुए। उन्होंने कहा, ‘‘इसके बावजूद वे दूसरों को उपदेश देने की कोशिश करते हैं।’’

हरीश ने कहा कि पूरा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग रहा है, है और हमेशा रहेगा, भले ही पाकिस्तान द्वारा लगातार झूठ और मिथ्या प्रचार किया जाता रहा हो। बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर संरा महासचिव की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि पाकिस्तान में 86 बच्चों (27 लड़के, 14 लड़कियां, 45 की लैंगिक पहचान ज्ञात नहीं) के खिलाफ गंभीर उल्लंघन के कुल 99 मामलों की सूचना मिली थी।

स्कूलों पर हमले के कुल 13 मामले दर्ज किए गए और असुरक्षा का स्वास्थ्य कर्मियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। हरीश ने कहा कि बच्चे हिंसक चरमपंथी विचारधाराओं और कट्टरपंथी आतंकवादी भर्ती प्रक्रिया के बारे में बताए जाने के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं।

उन्होंने कहा कि सदस्य देशों को बाल संरक्षण एजेंडे और आतंकवाद-रोधी अभियान पर मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि सदस्य देश अपनी राजनीतिक बाधाओं को दूर करें और आतंकवादी अपराधियों तथा उनके राज्य प्रायोजकों दोनों को सबसे मासूम और कमजोर आबादी का शोषण करने के लिए जिम्मेदार ठहराएं।’’

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