चुनाव के बाद यूपी की ब्यूरोक्रेसी में होंगे बड़े बदलाव, ऊपर से नीचे तक होंगे ट्रांसफर
लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 का रिजल्ट 4 जून को आएगा. इसके बाद उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में बहुत बड़े बदलाव करने की तैयारी है. मुख्य सचिव से लेकर नीचे तक बदलाव आएगा. इसके साथ ही नई ट्रांसफर नीति भी लागू की जाएगी. जून में आने वाली नई ट्रांसफर नीति के तहत अधिकारियों से लेकर कर्मचारी तक के तबादले होंगे.
नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद उत्तर प्रदेश में तबादलों की रेल चलेगी. अधिकांश कर्मचारी व अधिकारियों को इस गाड़ी की सवारी करनी पड़ेगी. एक ही जिले में लगातार 11 साल तक भले ही अलग-अलग पोस्टिंग पर तैनात हों ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों काट्रांसफर जरूर किया जाएगा. पूर्व रक्षा मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव की काफी पसंदीदा अधिकारी मानी जाने वाली IAS अनीता सिंह के अलावा महेश गुप्ता और योगेश्वर राम मिश्रा 31 मई को रिटायर हो चुके हैं.
IAS अनीता सिंह, एसीएस खाद्य औषधि सुरक्षा के पद पर तैनात थीं जबकि IAS महेश गुप्ता एसीएस ऊर्जा का महत्वपूर्ण पद संभाल रहे थे और IAS योगेश्वर राम मिश्रा कमिश्नर देवीपाटन मंडल के पद पर तैनात थे. सभी अधिकारियों के सेवानिवृत होने के बाद इन पदों पर अशोक अतिरिक्त कार्यभार देकर काम चलाया जा रहा है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के कई महत्वपूर्ण अधिकारी 30 जून को भी रिटायर होंगे. प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र का बिस्तर भी 30 जून को समाप्त हो रहा है.
कुछ पदस्थ सूत्रों का मानना है कि इस बार दुर्गा शंकर मिश्र को सेवा विस्तार मिलने की संभावना बहुत कम है. इसलिए प्रदेश को नए मुख्य सचिव भी मिल सकते हैं. जिसमें वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनोज सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है. फिलहाल इस संबंध में केंद्र सरकार को निर्णय लेना होगा.
ट्रांसफर नीति से होंगे बड़े बदलाव: उत्तर प्रदेश की नई ट्रांसफर नीति जून माह में ही जारी की जाएगी इसके लागू होने के बाद प्रदेश में अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला शुरू हो जाएगा. इस नीति कथा 3 साल तक एक ही पटल पर काम करने वाले अधिकारियों का पटल परिवर्तन होगा. 6 साल तक एक ही अनुभाग में रहने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को इधर से उधर किया जाएगा. जबकि 11 साल तक एक ही जिले में रहने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को दूसरे जिलों में तबादला किया जाएगा.
ट्रांसफर नीति को लेकर उत्तर प्रदेश में हर साल कर्मचारी और अधिकारी हंगामा करते रहते हैं. इस बार भी बड़ा विवाद होने की आशंका व्यक्त की जा रही है. साल 2022 मैं स्वास्थ्य विभाग और लोकल निर्माण विभाग में हुए तबादलों के चलते धांधली की शिकायत हुई थी. इसके बाद में दोनों ही विभागों में कड़ी कार्रवाई की गई थी. कुछ सदस्य सूत्रों का कहना है कि इस बार ऑनलाइन तबादले किए जाने की तैयारी की जा रही. ताकि कम से कम विवाद की आशंका हो.