
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी पार्टी एक अध्यक्ष तक नहीं चुन पा रही है। उनके बयान के जवाब में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वह खुद पार्टी अध्यक्ष बनने के लिए तैयार हैं और 25 साल तक इस पद पर रह सकते हैं। यह बयान राजनीति में एक नए विवाद की शुरुआत कर सकता है, जो आगामी चुनावों और राजनीतिक रणनीतियों पर असर डाल सकता है।
Also read this: वीर सावरकर की जीवन पर पुस्तक का लोकार्पण हुआ
अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी का नेतृत्व इस हद तक कमजोर हो गया है कि वह एक अध्यक्ष तक नहीं चुन पा रही। उनके अनुसार, भाजपा के भीतर सत्ता की खींचतान और नेतृत्व के संकट ने पार्टी की छवि को धूमिल किया है। वहीं, अमित शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर पार्टी को जरूरत पड़ी, तो वह 25 साल तक अध्यक्ष बने रहने के लिए तैयार हैं। उनका यह बयान भाजपा के भीतर एक स्थिर नेतृत्व का संकेत देता है। इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, और यह सवाल भी उठने लगा है कि भाजपा नेतृत्व के संकट से बाहर कैसे निकलेगी। यूपी में आगामी चुनावों को देखते हुए, यह बयान भाजपा और समाजवादी पार्टी दोनों के लिए रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि दोनों पार्टियां राज्य में सत्ता की ओर बढ़ने के लिए मुकाबला कर रही हैं।