
ऑपरेशन सिंदूर के तहत चल रही भारत की व्यापक आतंकरोधी कार्रवाई के बीच गृहमंत्री अमित शाह पूरी तरह एक्शन में हैं। उन्होंने भारत के उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ आपात बैठक की, जो पाकिस्तान सीमा से सटे हैं — जैसे जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात। बैठक में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई और कई खास निर्देश जारी किए गए।
अमित शाह ने स्पष्ट किया कि देश की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और सीमावर्ती इलाकों में किसी भी प्रकार की घुसपैठ या आतंकी मूवमेंट को तुरंत रोका जाना चाहिए। उन्होंने राज्यों को निर्देश दिए कि स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट्स को सक्रिय किया जाए, और हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जाए।
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बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सिविल डिफेंस और पुलिस बलों के साथ मिलकर सीमा क्षेत्रों में संयुक्त गश्त को तेज किया जाएगा। साथ ही, ड्रोन और सैटेलाइट मॉनिटरिंग के ज़रिए संवेदनशील इलाकों की लगातार निगरानी की जाएगी।
गृहमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का समन्वित अभियान है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों की भागीदारी अहम है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को भी सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत प्रशासन को देने की अपील की गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमित शाह की यह पहल ऑपरेशन सिंदूर को जमीनी स्तर पर मजबूती देगी और आतंकी नेटवर्क को जड़ से खत्म करने में मददगार होगी। आने वाले दिनों में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी की जाएगी, जिससे देश की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित रहें।