सीएम योगी की फ्लीट में चल रही एंटी डेमो गाड़ी कार से भिड़ी, कई पुलिसकर्मी समेत आधा दर्जन से अधिक लोग घायल
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में बड़ी सड़क दुर्घटना हुई है। एयरपोर्ट से वापस आ रही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फ्लीट की एक गाड़ी अर्जुनगंज के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें कई पुलिस कर्मचारियों सहित आधा दर्जन लोग घायल हुए हैं। घायलों सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना की सूचना पाकर प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, डीजीपी प्रशांत कुमार लखनऊ कमिश्नर और लखनऊ डीएम सहित आला अधिकारी मौके पर मौजूद है। अधिकारियों के अनुसार घायल पुलिस कर्मचारियों को अन्य लोगों का इलाज चल रहा है।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फ्लीट एयरपोर्ट की तरफ से आ रही थी। इस दौरान अर्जुनगंज के पास फ्लीट के सामने एक जानवर आ गया। जिसको बचाने के लिए फ्लीट की गाड़ी अनबैलेंस होकर दूसरी गाड़ी से टकरा गई। जिससे सड़क हादसा हो गया। वहीं एक गंभीर रूप से घायल पुलिस कर्मचारी को गंभीर हालत में केजीएमयू के आईसीयू में भर्ती कराया गया है।
इस हादसे में मुख्यमंत्री की फील्ड में शामिल गाड़ी के पुलिस कर्मचारी व अन्य गाड़ी में मौजूद लोग घायल हो गए। दुर्घटना के बाद तत्काल प्रभाव से सभी घायलों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां पर उनका इलाज चल रहा है।
हादसे की जानकारी देते हुए ज्वाइंट सीपी उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि कुल 11 लोग घायल हुए हैं। इसमें 5 सिविल और 5 पुलिस के जवान हैं। सभी को सिविल अस्पताल से केजीएमसी और लोहिया अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। वहीं हादसे की जानकारी मिलते ही डीजीपी प्रशांत कुमार के साथ ही कई अन्य अधिकारी भी सिविल अस्पताल पहुंचे हैं।
ये पुलिस कर्मी हुए घायल,
शिवम यादव, अवध नारायण, राम सिंह, विजय़ प्रताप यादव, मोहम्मद शमीम।
ये रहगार हुए घायल
सुशीला, प्रिया, मुस्तकीम सिद्दीकी, शहनाज, अक्सा और एक डेढ़ वर्षीय बच्चा भी हुआ घायल।
हादसे पर अखिलेश यादव जताया दुख, कहा- आशा है अब तो आँखें खुल गई होंगी
वहीं हादसे पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अनाथ पशुओं की समस्या को गंभीरता से नहीं लेने की वजह से आज स्वयं मुख्यमंत्री जी का क़ाफ़िला हादसे का शिकार हुआ है और कई लोग घायल हुए हैं। दुखद भी, चिंतनीय भी। पशुओं की समस्या उप्र का एक ख़तरनाक सत्य है। ये लोगों के जीवन का प्रश्न है।
आशा है अब तो आँखें खुल गई होंगी और चुनाव में किया गया वो भाजपाई वादा याद आ गया होगा जिसमें आवारा जानवरों से छुटकारा दिलवाने का वचन दिया गया था। जब लोगों के अपने जीवन पर बन आती है तब पता चलता है कि आम जनता की समस्या के लिए झूठ बोलना कभी ख़ुद की ज़िंदगी के लिए महँगा पड़ सकता है। भाजपा इस हादसे से ये सबक ले कि जहाँ ज़िंदगी का सवाल हो वहाँ जुमलेबाज़ी नहीं करनी चाहिए।