नई दिल्ली।‘हैकिंग’ चेतावनियां मिलने के विपक्षी सांसद के दावों पर एप्पल ने अपना बयान जारी किया है।आईफोन निर्माता एप्पल इंक ने मंगलवार को कहा कि वह विपक्षी दलों के कुछ सांसदों को भेजे गए चेतावनी संदेश को किसी विशिष्ट सरकार-प्रायोजित हमलावरों से नहीं जोड़ती और वह इस बारे में जानकारी नहीं दे सकती है कि ऐसी चेतावनियों का कारण क्या है।
विपक्ष के कई नेताओं ने कहा है कि उन्हें एप्पल से चेतावनी सूचना मिली है जिसमें कहा गया है कि ‘‘सरकार प्रायोजित हमलावर कहीं दूर से उनके आईफोन से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं।’’ एप्पल ने एक बयान में कहा कि यह संभव है कि कुछ खतरे की सूचनाएं गलत चेतावनी हो सकती हैं और कुछ हमलों का पता नहीं चल सकता।
कंपनी ने कहा, ‘‘एप्पल खतरे की सूचनाओं के लिए किसी विशिष्ट सरकार-प्रायोजित हमलावर को जिम्मेदार नहीं ठहराता।’’ एप्पल ने कहा कि सरकार प्रायोजित हमलावर ‘‘आर्थिक और तकनीकी रूप से बहुत मजबूत होते हैं और उनके हमले समय के साथ विकसित होते हैं।’’
कंपनी ने कहा, ‘‘ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण और अधूरे होते हैं। यह संभव है कि एप्पल के खतरे संबंधी कुछ सूचनाएं गलत चेतावनी हो सकती हैं या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता।’’ हालांकि, एप्पल ने इस बारे में बताने से इनकार कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा समेत अन्य नेताओं को किस वजह से चेतावनियां मिलीं।
एप्पल ने कहा, ‘‘हम इस बारे में जानकारी देने में असमर्थ हैं कि किस कारण से हमें खतरे की सूचनाएं जारी करनी पड़ रही हैं, क्योंकि इससे सरकार-प्रायोजित हमलावरों को भविष्य में पकड़े जाने से बचने के लिए अपने तौर तरीके को बदलने में मदद मिल सकती है।’’
इस बीच, सूत्रों ने कहा कि एप्पल ने लगभग 150 देशों में उन व्यक्तियों को धमकी संबंधी सूचनाएं भेजी हैं, जिनके अकाउंट हैं। कई विपक्षी दलों के नेताओं ने दावा किया कि उन्हें एप्पल से एक चेतावनी मिली है जिसमें कहा गया है कि ‘‘सरकार प्रायोजित हमलावर कहीं दूर से उनके आईफोन से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
इन नेताओं ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर संदेश के कथित स्क्रीनशॉट पोस्ट किए। शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, टीएमसी की महुआ मोइत्रा, आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा, कांग्रेस के शशि थरूर और उनकी पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने ‘एक्स’ पर एप्पल का संदेश साझा किया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सूत्रों ने बताया कि पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी को भी इसी तरह का संदेश मिला।
उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं पता है कि यह चेतावनी कैसे जारी हुई है, हो सकता है कि ये एक फॉल्स अलार्म हो। एप्पल ने कहा कि इस बारे में जानकारी नहीं दे सकते कि किस वजह से खतरे की चेतावनी दी जाती है क्योंकि इससे राज्य प्रायोजित हमलावरों को बचने में मदद मिल सकती है। आगे कहा कि खतरे की चेतावनी के लिए किसी विशिष्ट राज्य-प्रायोजित हमलावर को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते।
कंपनी का कहना है कि एपल राज्य प्रायोजित खतरों की जानकारी नहीं देता है। कंपनी ने अपने बयान में साफ किया है कि कई बार इस तरह के खतरों की जानकारी गलत भी हो सकती है। विपक्षी सांसदों के आरोपों पर एप्पल ने कहा कि हमलावर आर्थिक व तकनीकी रूप से प्रभावशाली हैं, अकसर हमलों का पूर्ण तरीके से पता नहीं लग पाता। आज यानी मंगलवार (31 अक्टूबर 2023) को जब इस मामले पर विवाद बढ़ गया तो उन्होंने कहा, एपल इस अलर्ट की जिम्मेदारी किसी विशेष एजेंसी या सरकार समर्थित हैकर्स को नहीं देता है.