
यूपी बोर्ड इस बार पहले से ज्यादा सतर्क हो गया है। पिछले वर्षों में हुए फर्जीवाड़ों और विवादों को देखते हुए बोर्ड ने रिजल्ट जारी करने से पहले टॉपर्स की गहन जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी छात्र अनुचित तरीके से टॉपर की सूची में न आए।
बोर्ड द्वारा सभी संबंधित स्कूलों और ज़िला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने स्तर पर टॉपर्स के शैक्षणिक रिकॉर्ड, उत्तर पुस्तिकाओं और उपस्थिति की पूरी जांच करें। इसके अलावा, कुछ चुनिंदा टॉपर्स का इंटरव्यू भी लिया जाएगा ताकि उनकी शैक्षणिक योग्यता की पुष्टि की जा सके।
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बोर्ड सचिव ने कहा कि इस बार रिजल्ट की पारदर्शिता और विश्वसनीयता सबसे बड़ी प्राथमिकता है। टॉपर बनने के लिए सिर्फ नंबर ही नहीं, बल्कि कड़ी मेहनत और सच्ची योग्यता जरूरी है। बोर्ड किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं करेगा।
इस कदम से न केवल शिक्षा प्रणाली में सुधार आएगा, बल्कि उन छात्रों को भी प्रेरणा मिलेगी जो मेहनत से पढ़ाई करते हैं। रिजल्ट जल्द ही घोषित होने वाला है, और इस बार प्रक्रिया पहले से ज्यादा मजबूत और पारदर्शी मानी जा रही है।