मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- दारुलशफा में नया विधान भवन नहीं बनेगा
लखनऊ: लखनऊ में नई विधानसभा बनेगी, मगर उस जगह नहीं जहां अधिकारियों ने इसको प्रस्तावित किया है. अधिकारियों ने नई विधानसभा के लिए पुरानी विधानसभा के आसपास दारुलशफा परिसर को चुना था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक प्रस्तुतीकरण में इस बात से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि राजधानी में किसी अच्छी जगह पर कम से कम 200 एकड़ भूमि का चयन किया जाए.
वहां पार्किंग आवागमन और अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध हों. ऐसी जगह का चयन करके कुछ प्रस्ताव उनके सामने लाए जाएं. इसके बाद में भी नई विधानसभा को लेकर अपना फैसला करेंगे. यूपी में नई विधानसभा के लिए जमीन (New legislative building will not be in Darulshafa) तलाशने की जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण को दी गई है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ (CM Yogi on New UP Vidhansabha Building) ने राजधानी में दारुलशफा व आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर नया विधानभवन बनाने के प्रस्ताव को अस्वीकार किया है. दारुलशफा व उसके आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर विधानभवन बनाने के प्रस्ताव में यातायात समेत कई तरह की समस्याओं का जिक्र किया गया. योगी आदित्यनाथ ने एलडीए (Lucknow Development Authority) को शहर से सटे व खुले स्थानों पर जमीन तलाशने को कहा. साथ ही निर्देश दिया है कि ऐसे स्थान पर जमीन देखी जाए, जहां पार्किंग, सुगम यातायात समेत अन्य सुविधा मुहैया कराने में कोई अड़चन न आए.
दिल्ली में नए संसद भवन की तर्ज पर प्रदेश सरकार राजधानी में नया विधानभवन बनाना चाहती है. इसके लिए पिछले साल से ही जमीन तलाशी जा रही है. सरकार चाहती है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल की जयंती के मौके पर 25 दिसंबर को शिलान्यास किया जाए. वैसे नई विधानसभा को लेकर चेक बजरिया सिटी सुल्तानपुर रोड पर जमीन चिन्हित है. मगर मुख्य शहर से उसे जगह की दूरी को देखते हुए यह प्रस्ताव भी अभी फाइनल नहीं हो सका है.
प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री को फन मॉल के पीछे एलडीए की जमीन, तेलीबाग स्थित भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, वृंदावन योजना की खाली जमीन और सुल्तानपुर रोड की जमीन के बारे में जानकारी दी गई. इस पर सीएम ने सभी का परीक्षण करके जल्द प्रस्ताव तैयार करने को कहा है.