पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. प्रवर्तन निदेशालय यानी ने गुरुवार की देर शाम पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपेंद्र सिंह हनी को अवैध खनन मामले में गिरफ्तार किया है. उनका मेडिकल भी जालंधर सिविल अस्पताल में कराया गया. वह रात भर जालंधर स्थित ईडी कार्यालय में रहे और आज सुबह उन्हें मोहाली की सीबीआई अदालत में पेश किया जाएगा.
पिछले दिनों अवैध रेत खनन को लेकर ईडी की टीम ने पंजाब में जो छापेमारी की थी, उसमें 10 करोड़ रुपए से ज्यादा नकदी, 21 लाख का सोना और 12 लाख रुपए की रोलेक्स की घड़ी बरामद हुई थी. इसके साथ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए गए थे. बताया जा रहा है कि इस बरामदगी में सबसे ज्यादा नकदी भुपेंद्र सिंह हनी के ठिकाने से मिली थी. ये रकम लगभग सात से आठ करोड़ रुपए है.
भुपेंद्र सिंह हनी के घर पर क्यों पड़ी रेड?
ईडी सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान उपेंद्र सिंह उर्फ हनी अपने मोहाली वाले घर पर मौजूद थे. ईडी के जांच अधिकारियों ने उनसे उनके यहां बरामद करोड़ों रुपए की बाबत पूछताछ की तो ना तो वह कोई बैंक की पर्ची ही खुद दिखा पाए और ना ही यह बता पाए यह पैसा किसका है या कहां से आया है. ईडी ने इस मामले में हनी समेत उनके कंपनी के दो और निदेशकों से पूछताछ की थी.
पहले भी उठ चुका मामला
सीएम चरणजीत चन्नी को लेकर गैरकानूनी सैंड माइनिंग का मामला पहले भी उठ चुका है. पूर्व विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने यह मामला उठाया था. उस वक्त चन्नी पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली सरकार में टेक्निकल एजुकेशन मंत्री थे. हालांकि चन्नी ने उस वक्त ही इन आरोपों को झूठा करार दिया था. प्रवर्तन निदेशालय इस बात की जांच कर रहा है कि भूपेंद्र सिंह के अवैध सैंड माइनिंग में क्या सीएम चन्नी के प्रभाव का इस्तेमाल किया गया या सीएम चन्नी के नाम का इस्तेमाल कर अवैध रेत खनन का काम किया गया. इस मामले में अवैध रेत खनन के जरिए करोड़ों की कमाई का शक जताया जा रहा है.
कंपनी के जरिए काले धन को सफेद करने का शक
ईडी सूत्रों के मुताबिक, अवैध रेत खनन मामले में मुख्य आरोपी कुदरतदीप सिंह और भूपिंदर सिंह हनी एक अन्य व्यक्ति संदीप के साथ प्रोवाइडर्स ओवरसीज कंपनी में निदेशक हैं. ये कंपनी उसी साल 25 अक्टूबर 2018 में बनी थी, जब अवैध खनन मामले में पंजाब पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. इस कंपनी में मात्र 60 हजार रुपये का पैडअप कैपिटल था और कुल अधिकृत धनराशि 5 लाख रुपये थी.