भर्तियों और पेपर लीक पर एक्शन मोड में सीएम योगी, चयन आयोगों के साथ की बैठक, बोले- साल्वर गैंग के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करें कि नजीर बन जाए
लखनऊ: लोकसभा चुनाव के दौरान पेपर लीक जैसे विषयों को लेकर विपक्ष की तरफ से हुए हमले और सरकार की घेरेबंदी के बाद आए चुनाव परिणाम को लेकर अब सरकार पूरी सक्रियता दिखा रही है. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन मोड में नजर आए हैं और आज उन्होंने नियुक्त प्रक्रिया को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक करते हुए सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर चयन प्रक्रिया तेज करने के लिए शनिवार को शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में विभिन्न चयन आयोगों के अध्यक्षों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. चयन परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता और गोपनीयता सुनिश्चित करने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने इस दौरान चयन प्रक्रियाओं में व्यापक सुधार पर जोर दिया. साथ ही चयन प्रक्रिया की समयबद्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए.
मुख्यमंत्री ने आयोगों में प्रचलित चयन प्रक्रियाओं और भावी कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी ली और शासन से उनकी अपेक्षाओं के बारे में भी पूछा. बैठक में मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा कि युवाओं के हित संरक्षण के लिए राज्य सरकार संकल्पित है. हर एक युवा की मेहनत, मेधा और प्रतिभा का सम्मान है. पेपर लीक अथवा साल्वर गैंग जैसी अराजक गतिविधियों को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता. ऐसे अपराध में संलिप्त हर के खिलाफ ऐसी कठोरतम कार्रवाई की जाए, जो नजीर बने. ऐसे प्रकरणों में अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए कठोर कानून लाया जाना आवश्यक है. इसको देखते हुए यथाशीघ्र आवश्यक कार्यवाही की जाए.
सीएम ने कहा कि चयन आयोगों से अपेक्षा है कि वे भर्ती परीक्षाओं के लिए कैलेंडर समय से जारी करें और कड़ाई के साथ उसका अनुपालन करें. कैलेंडर के अनुसार परीक्षा न होने से अभ्यर्थियों को असुविधा होती है, इसका ध्यान रखा जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी चयन आयोग परस्पर समन्वय के साथ यह सुनिश्चित करें कि एक दिन में एक ही परीक्षा आयोजित की जाए. ऐसा होने से एक ओर जहां परीक्षा आयोजकों/स्थानीय प्रशासन को व्यवस्था बनाने में आसानी होगी, वहीं युवाओं को भी बड़ी सुविधा होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कतिपय पदों के लिए शैक्षिक अर्हता निर्धारण में ‘समकक्ष योग्यता’ के संबंध में विसंगतियों की सूचना प्राप्त हुई है. संबंधित विभाग द्वारा प्रकरण का समाधान कर आयोग को सही जानकारी उपलब्ध कराई जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि चयन परीक्षाओं के सेंटर के लिए राजकीय माध्यमिक, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज अथवा साफ-सुथरे ट्रैक रिकॉर्ड वाले ख्याति प्राप्त सुविधा संपन्न वित्त पोषित शैक्षिक संस्थान ही सेंटर बनाए जाएं. सेंटर वहीं होंगे, जहां सीसीटीवी की व्यवस्था होगी. यह भी सुनिश्चित कराएं कि परीक्षा केंद्र नगरीय क्षेत्र में ही हो. परीक्षा केंद्र निर्धारण में महिलाओं और दिव्यांगों की अपेक्षाओं का ध्यान रखा जाए. यदि एडेड कॉलेज को सेंटर बनाया जाता है तो संबंधित प्रबंधक परीक्षा व्यवस्था में कहीं से भी सम्मिलित न हो. केंद्र व्यवस्थापक के रूप में दूसरे संस्थान के प्रधानाचार्य को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. जिलाधिकारी तथा जिला विद्यालय निरीक्षक को भी व्यवस्था से जोड़ें. गड़बड़ी हुई तो इनकी भी जिम्मेदारी तय की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक, माध्यमिक, प्राविधिक, व्यावसायिक आदि शिक्षण संस्थानों में शिक्षक चयन की प्रक्रिया में बड़ा सुधार करते हुए हाल ही में शिक्षा सेवा आयोग का गठन किया गया है. इसके सदस्य नामित किए जा चुके हैं, अध्यक्ष की नियुक्ति भी यथाशीघ्र कर दी जाएगी. नवगठित आयोग द्वारा चयन की कार्यवाही समय से प्रारंभ करने की अपेक्षा है.
मुख्यमंत्री ने दिए ये भी निर्देश
– पेपर सेट करने की प्रक्रिया, उनकी छपाई, कोषागार तक पहुंचाने, कोषागार से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने, परीक्षा केंद्र की व्यवस्था, परीक्षा के बाद OMR आयोग तक पहुंचाने, OMR की स्कैनिंग, परिणाम तैयार करने सहित पूरी व्यवस्था में व्यापक सुधार की आवश्यकता है. अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग एजेंसियों का उपयोग करें. एजेंसी के रिकॉर्ड की भलीभांति जांच करने के बाद ही दायित्व दें.
– हर पाली में 02 या अधिक पेपर सेट जरूर होने चाहिए. प्रत्येक सेट के प्रश्नपत्र की छपाई अलग-अलग एजेंसी के माध्यम से कराई जानी चाहिए. पेपर कोडिंग को भी और व्यवस्थित करने की आवश्यकता है. तलाशी लेने के लिए महिला कर्मियों की तैनाती जरूर हो.
– शुचिता और गोपनीयता के दृष्टिगत चयन आयोगों को परीक्षा से पूर्व, परीक्षा के दौरान और परीक्षा के उपरांत शासन स्तर के शीर्ष अधिकारियों तथा एसटीएफ के संपर्क में रहना चाहिए.
– परीक्षाओं की शुचिता के संबंध में आवश्यक सुधार की यह प्रक्रिया तत्काल प्रभाव में लानी होगी. नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग द्वारा चयन आयोगों से संपर्क-संवाद कर यथाशीघ्र इसे लागू करा दिया जाए.
– नियुक्ति प्रक्रिया में सरलता के लिए ई-अधियाचन की व्यवस्था लागू की गई है, उसका उपयोग करें. सभी विभाग नियुक्ति के लिए अधियाचन भेजने से पूर्व नियमावली का सूक्ष्मता से परीक्षण कर लिया जाए. भर्ती प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब न किया जाए.
30 जून तक पहुंच जाए पहली तिमाही की पेंशन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नए वित्तीय वर्ष के पहली तिमाही की वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित महिला पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन तथा कुष्ठावस्था पेंशन की राशि 30 जून तक पात्र जनों के बैंक खातों में भेजने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि प्रदेश में हर पात्र व्यक्ति को इन पेंशन योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए, इसके लिए अभियान चलाकर नए लाभार्थियों को जोड़ा जाए. शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने पेंशन योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि वर्तमान में 55.68 लाख वृद्धजनों, 33.54 लाख निराश्रित महिलाओं और 10.40 लाख दिव्यांगजनों को हर माह ₹1000 की धनराशि पेंशन के रूप में सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जा रही है. इसी प्रकार, 11,551 कुष्ठ पीड़ितों को मासिक ₹3000 की पेंशन उपलब्ध कराई जा रही है. मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्तमान में पेंशन का लाभ प्राप्त कर रहे लोगों का नियमानुसार वार्षिक सत्यापन कराते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष के पहली तिमाही की किश्त 30 जून तक उपलब्ध करा दी जाए.