
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने विधानसभा में कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मौजूदा कार्यकाल में 2,715 घोषणाएं की। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने ट्विटर पर चौहान को ‘मध्यप्रदेश की आटोमेटिक घोषणा मशीन’ करार दिया। कांग्रेस के तंज पर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
प्रदेश भाजपा के एक नेता ने कहा कि कांग्रेस ने पांच दशक पहले गरीबी हटाओ का आह्वान किया था लेकिन इसके विपरीत उनके शासन में यह बढ़ गई। राजगढ़ जिले के ब्यावरा से कांग्रेस विधायक रामचंद्र दांगी के सवाल पर सरकार ने घोषणाओं से जुड़े आंकड़े साझा किये। मंगलवार को राज्य विधानसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्य सरकार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मार्च 2020 में कार्यभार संभालने के बाद 2,715 घोषणाएं कीं।
दांगी ने पीटीआई-भाषा से कहा, वह घोषणाएं करते हैं लेकिन उन्हें शायद ही पूरा करते हैं। कांग्रेस विधायक ने राज्य विधानसभा में दिए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने मार्च 2020 से अब तक एक दिन में लगभग तीन घोषणाएं कीं। राज्य कांग्रेस ने बुधवार सुबह ट्विटर पर चौहान को ‘मध्यप्रदेश की आटोमेटिक घोषणा मशीन’ करार दिया।
कांग्रेस के तंज पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा सचिव रजनीश अग्रवाल ने कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि ये सभी घोषणाएं रिकॉर्ड की गई हैं और उनका पालन किया जा रहा है। अग्रवाल ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने अपनी सभी घोषणाओं को राज्य सरकार की प्रशासनिक प्रक्रिया बताया। घोषणाओं को रिकॉर्ड पर लिया जाता है। कुछ अवसरों पर, कार्यान्वयन में समय लगता है क्योंकि बजट प्रावधान करने की आवश्यकता होती है और कानून और नियमों का पालन करना होता है।’’
उन्होंने कहा कि चौहान 18 साल से मुख्यमंत्री हैं जिससे पता चलता है कि उनकी घोषणाएं पूरी हो रही हैं और उनका लाभ लोगों तक पहुंच रहा है। लेकिन 1971 में ‘गरीबी हटाओ’ का नारा देने वाले ये बात नहीं समझ सकते। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके शासन में गरीबी बढ़ी लेकिन उनके नारे जारी रहे।