वन स्टॉप सेंटर में मनाया गया दहेज प्रतिषेध दिवस
ख्वाजा एक्सप्रेस संवाददाता
बरेली। आज दिनांक 26 नवंबर 2024 को मोनिका राणा, जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देशानुसार चंचल गंगवार केंद्र प्रशासक द्वारा वन स्टॉप सेंटर में दहेज प्रतिषेध दिवस मनाया गया। महिलाओं को बताया गया कि दहेज एक सामाजिक हिंसा है कोई संपत्ति मूलवान वस्तु या प्रतिभूति जो विवाह में एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष को दी जाए या देने का वादा किया जाए दहेज कहलाता है। एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष से नगद गहने कपड़े आदि मांगना मूलवान वस्तुएं जैसे टीवी फ्रिज स्कूटर मोटरसाइकिल कार, संपत्ति प्लाट मकान आदि की मांग करना दहेज कहलाता है। दहेज विवाह से पूर्व, दौरान या कई साल बाद तक भी दिया जाता है। दहेज लेना या देना या दहेज के लिए उकसाना दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के अंतर्गत अपराध है जिसके लिए 5 साल तक की कैद अथवा ₹15000 या दहेज की रकम जो भी अधिक हो जुर्माने का प्रावधान है। प्रत्यक्ष, परोक्ष रूप से दहेज की मांग पर 6 माह से 2 वर्ष तक की सजा तथा ₹10000 जुर्माने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त शिकायत कौन कब और कहां कर सकता है यह भी बताया गया दहेज की मांग से पीड़ित महिला स्वयं उसके माता-पिता या अन्य कोई रिश्तेदार या कोई स्वयं से भी संस्था शिकायत कर सकती है, साथ ही महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई और समस्त हेल्पलाइन नंबर के बारे में बताया गया। कार्यक्रम में श्रीमती हरेंद्र कौर चड्डा अधिवक्ता, रेखा कुमारी चौकी प्रभारी, बिंदु सक्सेना अध्यक्ष राष्ट्रीय मानव सेवा संस्थान, मेघा वर्मा, रिया चाइल्ड लाइन स्टाफ, समस्त स्टाफ वन स्टॉप सेंटर आदि उपस्थित रहे ।।