हल्द्वानी। खुफिया एजेंसियों को मिले इनपुट के आधार पर पता चला है कि हल्द्वानी में दंगों के पीछे पाकिस्तान के शामिल होने के सबूत सामने आए हैं। दरअसल हल्द्वानी में माहौल को बिगाड़ने में पाकिस्तान के कुछ ‘बॉट अकाउंटस ने बड़ा खेल किया था। इस मामले को तूल देने की पाकिस्तानी साजिश का पता चलते ही गृह मंत्रालय से पूरी रिपोर्ट साझा की गई है।
खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक हल्द्वानी में हुई हिंसा पूर्व नियोजित थी। केंद्रीय खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक यह घटना पूर्व नियोजित थी। खुफिया एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि माहौल को बिगाड़ने के लिए उपद्रवियों ने पूर्व नियोजित तैयारी कर रखी थी। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे माहौल को भड़काने के लिए पाकिस्तान की ओर से टूल किट तैयार की गई थी।
रिपोर्ट बताती हैं कि माहौल को बिगड़ने के लिए पाकिस्तान ने न सिर्फ बॉट अकाउंट्स तैयार किए, बल्कि इसका इस्तेमाल भी करना शुरू किया। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान से आसिफ मंसूरी, मोहम्मद सलमान पॉलीटिकलैस नाम का बॉट ट्विटर अकाउंट क्रिएट किया गया। इसके अलावा पाकिस्तान की ही ओर से नौ हैशटैग भी घटना के तुरंत बाद इस्तेमाल किए जाने लगा। खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक जिन नौ हैशटैग का इस्तेमाल किया गया, उसमें हल्द्वानी राइट्स, हल्द्वानी वायलेंस, हल्द्वानी, हल्द्वानी इज बर्निंग, उत्तराखंड, बरेली, हल, हल्द्वानी न्यूज़ समेत स्टॉप टारगेटिंग इंडियन मुस्लिम पाकिस्तान शामिल थे।
पाकिस्तानी टूल किट के हिसाब से तैयार किए गए बॉट अकाउंट से इनको प्रचारित किए जाने लगा। केंद्रीय खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट बताती है कि इस दौरान पाकिस्तान ने अपनी साजिश में भारत को टारगेट करते हुए मुसलमानों का जिक्र कर माहौल खराब करने की कोशिश की। इस घटना के तुरंत बाद पाकिस्तान के कुछ अलग-अलग शहरों से बनाए गए सोशल मीडिया अकाउंट से भी हल्द्वानी में हुई हिंसा को तूल दिया जाने लगा।
पाकिस्तान के यह सोशल मीडिया हैंडल्स एंटी इंडिया प्रोपेगेंडा चलाने लगे, जिसको अपने देश के भी कुछ लोगों ने अलग-अलग ग्रुपों में शेयर करना शुरू किया। माहौल खराब करने के लिए पाकिस्तानी अकाउंट्स दूसरे हिस्सों की तस्वीरों को हल्द्वानी का बता कर साझा करने लगे। इन अकाउंट्स में पाकिस्तान में बनाया गया अरकाम और आलम शेख का एक अकाउंट भी शामिल है।
इन सोशल मीडिया अकाउंट्स से माहौल खराब करने के लिए न सिर्फ हल्द्वानी के मामले में भड़काने वाली बयानबाजी हुई बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई पुराने मामलों को भी शामिल किया जाने लगा। एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक दरअसल पाकिस्तानी टूल किट के मुताबिक हल्द्वानी मामले की आड़ में सिर्फ सांप्रदायिक दंगों को भड़काने की कोशिश थी। फिलहाल खुफिया एजेंसियों की इस रिपोर्ट को केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ साझा किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि वह हल्द्वानी मामले में खुफिया रिपोर्ट सहित सभी पहलुओं के स्तर पर जांच पड़ताल कर रहे हैं।
ये होते हैं बॉट अकाउंट
बॉट ऑटोमैटेड अकाउंट्स होते हैं, जो इंसान की तरह काम कर सकते हैं। जैसे ट्वीट करना, किसी यूजर को फॉलो करना, लाइक करना और रीट्वीट करना। इस खूबी के चलते स्पैम बॉट से भ्रामक, हानिकारक, आक्रामक गतिविधि कराई जाती है।स्पैम बॉट को इस तरह प्रोग्राम किया जाता है कि वे किसी प्रोडक्ट या सर्विस के लिए वेबसाइट पर ट्रैफिक लाने के लिए ट्वीट करते हैं। इनका इस्तेमाल गलत सूचना फैलाने और सियासी संदेशों को बढ़ावा देने के लिए भी किया जा सकता है।