
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर प्रदेश में चल रहे विकास कार्यों की जमीनी सच्चाई जानने के लिए आईएएस अधिकारियों को मैदान में उतारने का निर्णय लिया है। इस संबंध में शासन द्वारा सभी जिलों के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं।
शासन का उद्देश्य है कि योजनाओं की वास्तविक प्रगति और लाभार्थियों तक पहुंच की समीक्षा की जा सके। अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मौके पर जाकर कार्यों का भौतिक सत्यापन करें और अनियमितताओं की रिपोर्ट सीधे मुख्यालय को भेजें।
Also read this: मायावती का सवाल: क्यों घटे सरकारी स्कूलों में दाखिले?
पिछली जांचों में कई जिलों में परियोजनाओं की धीमी गति, भ्रष्टाचार और गुणवत्ता में कमी जैसे गंभीर मुद्दे सामने आए थे। सरकार इस बार किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करने के मूड में है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि “विकास के नाम पर दिखावा नहीं चलेगा, हर कार्य का नतीजा जमीन पर दिखना चाहिए।”
यह कदम प्रशासनिक जवाबदेही बढ़ाने और विकास कार्यों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई भी तय की जाएगी।