प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में ‘‘गंभीर चूक’’ की जांच कर रहा केंद्र का एक दल शुक्रवार को फिरोजपुर पहुंचा और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की, जबकि राज्य सरकार ने केंद्र को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कहा गया है कि घटना के सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है.
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने प्रधानमंत्री के पांच जनवरी के दौरे के दौरान हुए घटनाक्रम की पूरी जानकारी मांगी. पंजाब सरकार ने कहा है कि मोदी की यात्रा के दौरान सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई थी. इसने मामले की जांच के लिए गुरुवार को दो सदस्यीय समिति की घोषणा की थी. समिति से रिपोर्ट तीन दिनों में देने को कहा गया है.
पंजाब पुलिस ने बुधवार को मोदी के काफिले को बाधित करने वाले करीब 150 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ फिरोजपुर में एक प्राथमिकी दर्ज भी की है. बुधवार को फिरोजपुर में प्रदर्शनकारियों द्वारा मार्ग बाधित किये जाने के चलते प्रधानमंत्री का काफिला फ्लाईओवर पर फंसा रहा था, जिसके बाद वह पंजाब में किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना राज्य से वापस लौट आए थे. मोदी के इन कार्यक्रमों में एक रैली भी शामिल थी.
तीन सदस्यीय केंद्रीय दल ने कोहरे के बीच शुक्रवार सुबह फिरोजपुर के पास प्याराना फ्लाईओवर का दौरा किया और पंजाब पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की. समिति का नेतृत्व सचिव (सुरक्षा), कैबिनेट सचिवालय सुधीर कुमार सक्सेना कर रहे हैं और इसके दो अन्य सदस्यों में गुप्तचर ब्यूरो के संयुक्त निदेशक बलबीर सिंह और विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के आईजी एस सुरेश शामिल हैं. केंद्र ने समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
फिरोजपुर के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान सुरक्षा में गंभीर चूक को लेकर बठिंडा और फिरोजपुर के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. सूत्रों ने कहा कि टीम ने सुरक्षा में चूक की सुबह में जांच शुरू की और उन खामियों की पड़ताल की, जिसके कारण प्रधानमंत्री का काफिला बुधवार को फिरोजपुर के पास फ्लाईओवर पर लगभग 15-20 मिनट तक फंसा रहा था. दल ने मामले में पूछताछ और जांच के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सेक्टर मुख्यालय जाने से पहले फ्लाईओवर पर करीब 45 मिनट बिताये.
फिरोजपुर में बीएसएफ मुख्यालय में केंद्रीय दल ने वरिष्ठ सिविल और पुलिस अधिकारियों से बात की, जो प्रधानमंत्री के काफिले के सुचारू रूप से गुजरने और उसकी पुख्ता सुरक्षा के लिए प्रत्यक्ष तौर पर जिम्मेदार थे. बीएसएफ मुख्यालय राष्ट्रीय राजमार्ग पांच पर स्थित उस स्थान से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहां मोदी का काफिल फंसा रहा था. सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय दल ने फिरोजपुर में प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा के लिए तैनात अधिकारियों समेत कई वरिष्ठ पुलिस और सिविल अधिकारियों को सम्मन भेजकर शुक्रवार को उनके समक्ष पेश होने के लिए कहा था। इन अधिकारियों में से अधिकतर पेश हुए.
इस बीच, पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा को लेकर हुई चूक की घटना के संबंध में केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा, जिसमें सूचित किया गया कि घटना के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन्होंने साथ ही यह भी उल्लेख किया कि राज्य सरकार ने कथित खामियों की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति का गठन किया है.
राज्य के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि समझा जाता है कि तिवारी ने बुधवार को प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान हुए घटनाक्रम की सिलसिलेवार जानकारी साझा की है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को तत्काल रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा था कि उसने आवश्यक तैनाती सुनिश्चित नहीं की. वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि प्रधानमंत्री के दौरे पर सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह से अस्वीकार्य है और जवाबदेही तय की जाएगी. इस घटना से एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया है कि पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने प्रधानमंत्री को ‘‘शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने की कोशिश की’’, वहीं अन्य दलों ने भी कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार पर निशाना साधा है.
(भाषा से इनपुट)