
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, विशेषज्ञों का मानना है कि युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान तीन हिस्सों में बंट सकता है। ये क्षेत्र हैं: बलूचिस्तान, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK), और गिलगित-बाल्टिस्तान। इन क्षेत्रों में स्वतंत्रता की मांगें और पाकिस्तान सरकार के प्रति असंतोष बढ़ रहा है, जो देश के विभाजन की संभावना को जन्म देता है।
बलूचिस्तान में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) जैसे समूह पाकिस्तान से स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं। इन समूहों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ कई बार संघर्ष किया है और उनकी गतिविधियाँ पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी हैं। बलूचिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ विद्रोह की भावना लगातार बढ़ रही है।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में भी स्वतंत्रता की मांगें तेज हो रही हैं। स्थानीय लोग पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और भारत से समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं। इन प्रदर्शनों में भारतीय ध्वज फहराने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सहायता की अपील की जा रही है, जो इस क्षेत्र में पाकिस्तान के खिलाफ असंतोष को दर्शाता है।
Also read this: शिवराज सिंह चौहान: खाद्यान्न की कोई कमी नहीं
गिलगित-बाल्टिस्तान में भी पाकिस्तान से स्वतंत्रता की मांगें उठ रही हैं। इस क्षेत्र के लोग पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं। इन प्रदर्शनों में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ नाराजगी और असंतोष स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की आंतरिक समस्याएँ, जैसे आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता, और सुरक्षा चुनौतियाँ, इन क्षेत्रों में स्वतंत्रता की मांगों को और बढ़ावा दे रही हैं। यदि ये समस्याएँ जारी रहती हैं, तो पाकिस्तान के विभाजन की संभावना और भी बढ़ सकती है।
भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को अपना हिस्सा मानते हुए कई बार इस क्षेत्र में हस्तक्षेप की बात की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि PoK भारत का हिस्सा है और इस पर अधिकार केवल और केवल भारत का है। इस प्रकार के बयानों से यह स्पष्ट होता है कि भारत इस क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए तैयार है।
यदि युद्ध की स्थिति उत्पन्न होती है, तो पाकिस्तान के इन तीन हिस्सों में स्वतंत्रता की मांगों को और बल मिल सकता है। इससे पाकिस्तान के आंतरिक संकट और भी गहरे हो सकते हैं, जो अंततः देश के विभाजन की ओर ले जा सकते हैं।
इसलिए, भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस स्थिति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के प्रयासों को बढ़ावा देना चाहिए। युद्ध से बचने के लिए संवाद और कूटनीति सबसे प्रभावी उपाय हैं।