
भारत ने ट्रंप के ऑफर को ठुकराकर एक मजबूत और स्पष्ट संदेश दिया है कि सीमा विवाद को हल करने का तरीका केवल द्विपक्षीय संवाद और समझौते के माध्यम से ही संभव है। भारत ने हमेशा ही इस मामले में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप का विरोध किया है, और यह कदम इसी नीति को मजबूती से दर्शाता है। सरकार का मानना है कि चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझाने का सबसे प्रभावी तरीका दोनों देशों के बीच सीधी वार्ता और आपसी समझ है, जिसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा, भारत ने यह भी बताया कि सुरक्षा और सामरिक मुद्दों पर उसका रुख पूरी तरह से आत्मनिर्भर है और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।
भारत के इस निर्णय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी एक स्पष्ट संदेश दिया कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय विवाद में भारत अपनी संप्रभुता को समझौता नहीं करेगा। ट्रंप के ऑफर को ठुकरा कर भारत ने यह सिद्ध कर दिया कि वह अपनी विदेश नीति में स्वतंत्र और सशक्त दृष्टिकोण अपनाएगा।