भारत ने बुधवार को सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण अंडमान और निकोबार में किया गया. रक्षा अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विस्तारित दूरी की मिसाइल ने सटीकता के साथ अपने लक्ष्य को हासिल किया. उन्होंने कहा कि एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण पर बधाई दी. वह परिचालन तैयारियों की समीक्षा करने के लिए अंडमान और निकोबार के द्वीप क्षेत्र में हैं.
India today successfully testfired surface to surface BrahMos supersonic cruise missile in Andaman & Nicobar. Extended range missile hit its target with pinpoint accuracy: Defence officials pic.twitter.com/Yz54DAyTxq
— ANI (@ANI) March 23, 2022
इससे पहले, इसी महीने 13 मार्च को भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. दरअसल, भारत ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का एक नया एयर लॉन्च संस्करण विकसित करने की फिराक में है, जो दुश्मन के ठिकानों पर अधिक से अधिक हमला करने में सक्षम होगा. इस मिसाइल से 800 किलोमीटर की दूरी तक हमला किया जा सकता है. इससे पहले Su-30MKI लड़ाकू विमान को लगभग 300 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य को भेदने की क्षमता थी, जिसे बढ़ाकर 350-400 किया गया था. अब इसके 800 किमी वाले वेरिएंट पर काम किया जा रहा है.
ब्रह्मोस मिसाइल की खासियतें?
भारत-रूस का संयुक्त उपक्रम ‘ब्रह्मोस एयरोस्पेस’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का उत्पादन करता है, जिन्हें पनडुब्बियों, जलपोतों, विमान या भूतल पर स्थित प्लेटफॉर्मों से प्रक्षेपित किया जा सकता है. ब्रह्मोस मिसाइल 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना रफ्तार से प्रक्षेपित हो सकती हैं. ब्रह्मोस मिसाइल की सटीकता इसे और ज्यादा घातक बनाती है. इसकी रेंज को भी बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा, दुश्मन के रडार से बच निकलने में भी ये मिसाइल माहिर है. BrahMos में Brah का मतलब है ‘ब्रह्मपुत्र’ और Mos का मतलब ‘मोस्कवा’. मोस्कवा रूस में बहने वाली एक नदी का नाम है. ब्रह्मोस की गिनती 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में होती है, जो एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. ये मिसाइल 4300 KM प्रतिघंटा की रफ्तार से दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर सकती है.