
कर्नाटक के एक NEET परीक्षा केंद्र पर छात्रों से जबरन जनेऊ उतरवाने की घटना ने देशभर में धार्मिक असहिष्णुता और परीक्षा प्रणाली के व्यवहार पर बहस छेड़ दी है। घटना के सामने आने के बाद ब्राह्मण समुदाय में भारी रोष व्याप्त है और कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं।
ब्राह्मण संगठनों और धार्मिक नेताओं ने इस कृत्य को हिंदू धार्मिक आस्थाओं का सीधा अपमान बताया है। उनका कहना है कि परीक्षा की सुरक्षा जांच के नाम पर धार्मिक प्रतीकों को हटवाना न केवल अनुचित है, बल्कि यह संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन भी है।
घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा ट्रेंड करने लगा है, जहाँ लोग NEET प्रशासन और केंद्र सरकार से जवाब मांग रहे हैं। प्रशासन की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है, लेकिन बढ़ते दबाव को देखते हुए जांच की मांग तेज हो गई है।