राहुल गांधी को गुरुवार को सूरत की एक अदालत ने 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में उनकी “मोदी उपनाम” टिप्पणी पर दो साल की जेल की सजा सुनाई। लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्यता के जोखिम का सामना कर रहे हैं। राहुल गांधी के खिलाफ मामला भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी की कथित टिप्पणी के लिए शिकायत पर दर्ज किया गया था।
राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार शाम को दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में अपनी संचालन समिति के सदस्यों, पीसीसी अध्यक्षों, सीएलपी नेताओं और फ्रंटल संगठन प्रमुखों की एक तत्काल बैठक बुलाई। वहीं अडानी समूह के मामले में विपक्षी सांसद जेपीसी जांच की मांग करते हुए प्रदर्शन भी किया। पुलिस ने विजय चौक पर घोषणा की है कि मार्च कर रहे विपक्षी सांसद आगे मार्च न करें क्योंकि धारा 144 सीआरपीसी लागू है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जनता का पैसा निकालकर ऋण दिया गया। उनका(अडानी समूह) की संपत्ति की कोई जानकारी नहीं ली गई। आज एलआईसी कमजोर हो रहा है, बैंक कमजोर हो रहे हैं। इस पर हम जेपीसी चाहते हैं, लेकिन सरकार सुनना नहीं चाहती। खरगे ने कहा कि राहुल गांधी सच बोल रहे हैं, उन्होंने संसद में अडानी से संबंधित मुद्दा रखा। क्या ये ग़लत है? आज राहुल गांधी को बोलने नहीं दिया जा रहा। इसका मतलब क्या है?…लोकतंत्र को ख़त्म करने का काम किया जा रहा है। ऐसे ही चलता रहा तो इस देश में एक दिन तानाशाही आ जाएगी।
जेपी नड्डा बोले- झूठ, बदनामी राहुल की राजनीति का हिस्सा
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को दावा किया कि राहुल गांधी को तथ्यों से कोई संबंध नहीं रखने वाले मनगढ़ंत आरोप लगाने की आदत है, जबकि कांग्रेस नेता पर “भारी अहंकार लेकिन थोड़ी समझ” का आरोप लगाया। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को तथ्यों से परे और मनगढ़ंत आरोप लगाने की आदत है। 2019 लोकसभा चुनाव के पहले राहुल ने राफ़ेल के नाम पर देश को भ्रमित करने की कोशिश की। जिसको लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई और राहुल गांधी को मनगढ़ंत आरोप के लिए बिना शर्त माफ़ी माँगनी पड़ी थी।