देशबड़ी खबर

महबूबा मुफ्ती को टोपा पीर जाने की नहीं मिली इजाजत, धरने पर बैठीं

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अपने समर्थकों के साथ राजौरी-पुंछ राजमार्ग पर धरना दिया. उन्हें जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पुंछ में टोपा पीर (बुफ़लियाज़) जाने की अनुमति नहीं दी.

मुफ्ती की यात्रा का उद्देश्य उन स्थानीय लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करना था, जिन्होंने सेना की हिरासत में रहते हुए दुखद रूप से अपनी जान गंवा दी थी. महबूबा के शांतिपूर्ण इरादों के बावजूद उन्हें अधिकारियों के इनकार का सामना करना पड़ा, जिससे उन्हें राजमार्ग पर कड़ा रुख अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

अपने समर्थकों के बीच दृढ़ता से बैठी मुफ्ती ने टोपा पीर तक पहुंचने के लिए अपना अटूट संकल्प व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि भले ही उन्हें पूरी रात राजमार्ग पर बितानी पड़े, वह डटी रहेंगी.

पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रशासन पर भेदभावपूर्ण रुख अपनाने का आरोप लगाते हुए अपनी निराशा व्यक्त की. उन्होंने पार्टी के अन्य नेताओं की तुलना में उनके साथ किए गए व्यवहार में भेदभाव की ओर इशारा किया, जिन्हें बिना किसी बाधा के प्रभावित परिवारों से मिलने की अनुमति दी गई थी.

मीडिया को संबोधित करते हुए ‘महबूबा ने प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘मुझे नहीं पता कि प्रशासन मुझसे इतना डरता क्यों है? कोई सुरक्षा समस्या नहीं है, फिर भी मुझे अनुमति नहीं है. परिवहन चल रहा है, नेता रिश्तेदारों से मिल रहे हैं, केवल मैं हूं जिसे रोका जा रहा है, शायद इसलिए क्योंकि उनके (सुरक्षा एजेंसियों के) रहस्य सार्वजनिक हो जाएंगे.’

उन्होंने सेना पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया, ‘मैंने सुना है कि सेना ने वहां पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं पर भी अत्याचार किया है. उन्हें डराया-धमकाया भी गया है.’ प्रशासन ने मुफ्ती की पुंछ यात्रा को प्रतिबंधित करने के लिए अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है. यह घटना मुफ्ती के आंदोलन पर पिछले प्रतिबंध के बाद हुई है जब उन्हें पिछले सप्ताह पुंछ जाने से रोका गया था और श्रीनगर में नजरबंद कर दिया गया था. यह कदम पुंछ के बुफलियाज इलाके में सैन्य हिरासत के दौरान तीन नागरिकों के मारे जाने की खबरों के जवाब में आया है.

21 दिसंबर को आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें चार सैनिक मारे गए. अज्ञात आतंकवादी कथित तौर पर मारे गए सैनिकों से हथियार छीनकर भागने में सफल रहे. इसके बाद, सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवादियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर घेराबंदी अभियान चलाया.

हालांकि, एक सप्ताह बाद भी उन्हें सफलता नहीं मिल पाई है. हमले के बाद, सेना ने कथित तौर पर एक दर्जन से अधिक स्थानीय लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया, कथित तौर पर उन्हें यातना दी, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई. ‘यातना’ का एक वीडियो वायरल हो गया है. हालांकि प्रशासन ने वीडियो पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजे और सरकारी नौकरी की घोषणा की है.

Zee NewsTimes

Founded in 2018, Zee News Times has quickly emerged as a leading news source based in Lucknow, Uttar Pradesh. Our mission is to inspire, educate, and outfit our readers for a lifetime of adventure and stewardship, reflecting our commitment to providing comprehensive and reliable news coverage.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button