लखनऊ डेस्क : एससी-एसटी आक्षरण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है, उस पर सियासी घमासान मचा हुआ है। बुधवार को तमाम राजनौतिक पार्टियों व दल ने भारत बंद के माध्यम से अपनी आवाज बुलंद की है। हालांकि, पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आश्वासन देते हुए कहा था कि इस लागू नहीं किया जाएगा, भारतीय संविधान में क्रीमी लेयर का प्रावधान नहीं हैं। इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार के सामाजिक कल्याण मंत्री असीम अरुण ने खुलकर बात की। जिसका एक वीडियो एक्स पर वायरल हो रहा है।
दरअसल कैबिनेट मंत्री असीम अरुण ने कहाकि, भारत बंद आंदोलन की आवश्यकता नहीं है, क्रीमी लेयर पर केंद्रीय कैबिनेट निर्णय ले चुका है। कोर्ट में एससी-एसटी आक्षरण पर मंथन चल रहा है। जल्द ही उस पर निर्णय होगा, किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। असीम अरुण ने कहा कि आज बाबूजी की तीसरी पुण्यतिथि के मौके पर हम सब एकत्रित हो रहे हैं। बाबूजी ने सुशासन का जो मानक स्थापित किया था, वह भारतीय जनता पार्टी की सरकार में ही संभव था। आज हम सब उनके योगदान को याद कर रहे हैं। बाबूजी ने सबको साथ लेकर चलने का नारा दिया था और वे इसके अनुकरणीय नेता थे। उनके वचन और कर्म आज भी हमारे लिए अनुकरणीय हैं।
बताया कि संविधान में एससी-एसटी को जो आरक्षण दिया गया है, उसमें क्रीमी लेयर की बाध्यता नहीं है। उन्होंने कहा कि संवौधानिक तौर पर आरक्षण उस तबके को दिया गया है, जिनका शोषण होता आया है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि एससी-एसटी रिज़र्वेशन में क्रीमी लेयर की बात हो रही है, उस पर क्रीमी लेयर लाना व्यवहारिक नहीं होगा और यह प्रस्ताव संविधान की मूल भावना के विपरीत है।