
भारत सरकार के “ऑपरेशन सिंधु” के तहत एक विशेष उड़ान सोमवार को ईरान से 282 भारतीय नागरिकों को लेकर नई दिल्ली पहुंची। ये सभी लोग विभिन्न कारणों से ईरान में फंसे हुए थे, जिनमें छात्र, कामगार और पर्यटक शामिल हैं। जैसे ही विमान ने दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड किया, एयरपोर्ट परिसर में “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के नारे गूंज उठे। भावुक माहौल में कई लोगों ने तिरंगा लहराया और भारत की धरती को चूमते नजर आए। विदेश मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के समन्वय से यह ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा किया गया। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि संकट में फंसे हर भारतीय तक मदद पहुँचाना उसकी प्राथमिकता है।
इस विशेष रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी खुद विदेश मंत्रालय द्वारा की गई, जिसमें भारतीय दूतावास ने ईरान में फंसे नागरिकों की पहचान कर उन्हें एयरलिफ्ट के लिए प्राथमिकता सूची में शामिल किया। ऑपरेशन की सफलता में भारतीय राजनयिकों, एयरलाइन कर्मियों और सुरक्षाबलों की भूमिका अहम रही।
लौटे हुए नागरिकों में से कई ने बताया कि ईरान में हालात तनावपूर्ण थे और संचार व्यवस्था भी बाधित हो चुकी थी। भारत लौटने के बाद उन्होंने भारत सरकार और विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। कई यात्रियों ने कहा कि उन्होंने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन भारतीय प्रशासन ने उन्हें वापस लाकर एक नई जिंदगी दी है।
एयरपोर्ट पर यात्रियों का स्वागत चिकित्सा टीमों और आपदा राहत कर्मियों ने भी किया। सभी नागरिकों की स्वास्थ्य जांच की गई और उन्हें पूरी प्रक्रिया के दौरान सहायता दी गई। केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि लौटे नागरिकों को भोजन, पानी, चिकित्सा सुविधा और सुरक्षित ठहराव मिले।
“ऑपरेशन सिंधु” केवल एक रेस्क्यू मिशन नहीं था, बल्कि यह भारत के ‘नो सिटिजन लेफ्ट बिहाइंड’ नीति का उदाहरण बन गया है। यह मिशन दर्शाता है कि भारत दुनिया के किसी भी कोने में फंसे अपने नागरिकों की मदद के लिए तत्पर है, चाहे स्थिति कितनी भी जटिल क्यों न हो।
सरकार की ओर से यह भी संकेत दिया गया है कि यदि जरूरत पड़ी, तो ऑपरेशन सिंधु के तहत और उड़ानें भी चलाई जाएंगी। साथ ही, अन्य संकटग्रस्त क्षेत्रों से भारतीयों को सुरक्षित लाने के लिए विदेश मंत्रालय लगातार निगरानी बनाए हुए है।
इस मिशन ने देशवासियों को एक बार फिर यह भरोसा दिया है कि आप कहीं भी हों, भारत सरकार आपकी सुरक्षा और वापसी के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने मिशन की सराहना करते हुए “भारत अपने नागरिकों के लिए खड़ा है” जैसे संदेश साझा किए।