
लोकसभा चुनाव 2024 का समापन जल्द ही होने जा रहा है। 1 जून को 7वें और आखिरी चरण का मतदान देशभर के कई केंद्रों में होने वाला है। इस पूरे चुनाव में प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश में एक के बाद एक धुंआधार रैलियां की हैं।
वहीं नरेंद्र मोदी एक बार फिर से ध्यान साधना में लीन होने वाले हैं। इससे पहले साल 2019 में भी प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ धाम के पास एक गुफा में ध्यान लगाया था।
इस बार पीएम मोदी कन्याकुमारी में समुद्र के बीचों बीच ध्यान में लीन होने वाले हैं। इस बार पीएम मोदी ने ध्यान लगाने के लिए कन्याकुमारी में स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल को चुना है।
पीएम मोदी का ये ध्यान लगभग 45 घंटे तक चलेगा। इसे लेकर विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। वहीं, 2 जून की शाम तक यहां विजिटर्स की एंट्री पर रोक लगा दी गई है।
कहा जाता है कि साल 1892 में स्वामी विवेकानंद इसी रॉक पर साधना में लीन हुए थे और ध्यान लगाया था। यहीं पर उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था। बता दें कि विवेकानंद रॉक मेमोरियल को भारत का सबसे आखिरी दक्षिणी छोर माना जाता है।
यह वह स्थान है जहां पर पूर्वी और पश्चिमी तटरेखाएं मिलती हैं और हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर मिलते हैं। इस जगह पर सूर्योदय और सूर्यास्त का भी अद्भुत नजारा देखने को मिलता है जो दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
कन्याकुमारी के बारे में यह भी मान्यता है कि यहां पर देवी पार्वती जो कन्याकुमारी रूप में विराजमान हैं वह भगवान शिव की आज भी प्रतीक्षा कर रही हैं और देवी पार्वती ने इसी स्थान पर एक पैर पर खड़े होकर भगवान शिव का इंतजार किया था।
कन्या कुमारी की एक और खास बात है कि यहां पर जीवन का आरंभ और अंत का आध्यात्मिक ज्ञान भगवान सूर्य स्वयं देते हैं। इस दृश्य के दर्शन के लिए यहां पर हर दिन बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस प्रसिद्ध स्थान पर साधना करेंगे जहां पर विवेकानंद ने साधना की थी। यहां पर विवेकानंद ने 3 दिनों तक साधना की थी और अब पीएम मोदी भी स्वामी विवेकानंद की तरह यहां 3 दिनों तक साधना करेंगे।
कन्या कुमारी तीर्थ शक्तिपीठ भी है जहां देवी सती का पृष्ठ भाग गिरा था। इसलिए यहां पर साधना का फल तुरंत मिलता है, तो वहीं प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए विवेकानंद रॉक मेमोरियल के आसपास 2 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। नौसेना के जवानों को भी समुद्र में सुरक्षा के लिए लगाया गया है।