नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को 271 करोड़ रुपये की लागत से बने प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया। यहां देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक सभी 14 प्रधानमंत्रियों के योगदान को दर्शाता है। प्रधानमंत्री संग्रहालय में देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू का चित्रण संस्थान निर्माता के रूप में किया गया है। यह पहले नेहरू म्यूजियम कहलाता था, अब इसे नए सिरे से विकसित कर यहां देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों से जुड़ी यादों व उनके योगदान को दर्शाया गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के पूर्व प्रधान सचिव एवं नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के अनुसार बिल्डिंग को बनाने में इस बात का खास ख्याल रखा गया है कि हर प्रधानमंत्री के योगदान को बिना किसी भेदभाव के बताया जाए। ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ में पंडित नेहरू को संस्थान निर्माता के तौर पर चित्रित किया गया है। संग्रहालय में प्रधानमंत्री नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक सारे प्रधानमंत्रियों के जीवन, कार्यों और देश के प्रति उनके योगदान को दर्शाया गया है। इसके अलावा कई लोकतांत्रिक मूल्यों को रेखांकित किया गया है।
संग्रहालय में देश के सभी 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को सहेजा गया है। इनमें जवाहर लाल नेहरू, गुलजारी लाल नंदा, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर, पीवी नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी, एच डी देवगौड़ा, इंद्रकुमार गुजराल, मनमोहन सिंह शामिल हैं।
राष्ट्र निर्माण के लिए भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान का सम्मान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृष्टि से निर्देशित प्रधानमंत्री संग्रहालय स्वतंत्रता के बाद से भारत के प्रत्येक प्रधानमंत्री को उनकी विचारधारा और कार्यकाल की एक श्रद्धांजलि है। यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक समावेशी प्रयास है, जिसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को हमारे सभी प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व, दूरदृष्टि और उपलब्धियों के बारे में संवेदनशील और प्रेरित करना है। पुराने और नए के सहज मिश्रण का प्रतिनिधित्व करते हुए संग्रहालय ब्लॉक 1 के रूप में नामित तत्कालीन तीन मूर्ति भवन को ब्लाक 2 के रूप में नामित नवनिर्मित भवन के साथ एकीकृत किया गया है। दो ब्लाकों का कुल क्षेत्रफल 15,600 वर्ग मीटर से अधिक है।
संग्रहालय के लिए नहीं काटे गए कोई पेड़
संग्रहालय की नई इमारत उभरते भारत की कहानी से प्रेरित है। डिजाइन में टिकाऊ और ऊर्जा संरक्षण प्रथाओं को शामिल किया गया है। खास बात यह है कि इस संग्रहालय के निर्माण के दौरान कोई पेड़ नहीं काटे गये। संग्रहालय का लोगो राष्ट्र और लोकतंत्र का प्रतीक धर्म चक्र धारण करने वाले भारत के लोगों के हाथों का प्रतिनिधित्व करता है।
गहन शोध और अध्ययन के बाद तैयार किया गया संग्रहालय
संग्रहालय के लिए सूचना प्रसार भारती, दूरदर्शन, फिल्म प्रभाग, संसद टीवी, रक्षा मंत्रालय, मीडिया हाउस (भारतीय और विदेशी), विदेशी समाचार एजेंसियों आदि जैसे संस्थानों के संसाधनों और भंडारों के माध्यम से एकत्र की गई हैं। अभिलेखागार का उचित उपयोग (संग्रहित कार्य और अन्य साहित्यिक कार्य, महत्वपूर्ण पत्राचार) किया गया है।
क्या-क्या है खास
इस संग्रहालय में प्रधानमंत्रियों के व्यक्तिगत वस्तुएं, उपहार और यादगार वस्तुएं (सम्मान, पदक, स्मारक टिकट, सिक्के, आदि) प्रधानमंत्रियों के भाषण और विचारधाराओं का उपाख्यानात्मक प्रतिनिधित्व और प्रधानमंत्री के जीवन के विभिन्न पहलू एक विषयगत प्रारूप में परिलक्षित किए गए हैं।