
राजनाथ सिंह का यह बयान उस वक्त आया है जब पूरे देश में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर आक्रोश है। इस हमले में सुरक्षाबलों और नागरिकों को निशाना बनाया गया, जिससे जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर अस्थिरता का माहौल बना है। रक्षा मंत्री का यह कहना कि “देश जैसा चाहता है, वैसा ही होगा”, इस बात को दर्शाता है कि केंद्र सरकार अब और सख्त रवैया अपनाने के मूड में है।
सरकार की ओर से यह संकेत भी मिल रहे हैं कि घाटी में आतंकियों के खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, खुफिया एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है और सुरक्षाबलों को सीमावर्ती इलाकों में चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। राजनाथ सिंह का बयान इस पूरी रणनीति का एक हिस्सा माना जा रहा है, जो जनता को यह भरोसा दिलाता है कि देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा।
इस बयान के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। आगामी चुनावों के मद्देनज़र, सरकार यह दिखाना चाहती है कि वह आतंकवाद के खिलाफ कठोर और निर्णायक नीति अपनाने के लिए तैयार है। विपक्ष ने हालांकि इस बयान पर सवाल उठाए हैं और मांग की है कि केवल बयानबाजी से नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई से जवाब दिया जाए। फिर भी, आम जनता में यह संदेश गया है कि सरकार आतंकियों को जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है।