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Sambhal violence: संभल में हिंसक प्रदर्शन के दौरान 4 की मौत, SDM समेत 19 घायल, 12 वीं तक के स्कूल और इंटरनेट सेवाएं बंद

संभल। संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को किये जा रहे सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए और इस दौरान चार व्यक्तियों की मौत हो गई। वहीं पथराव और फायरिंग एसपी, एएसपी, सीओ व डिप्टी कलेक्टर समेत 19 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। एक सिपाही को गंभीर हालत में रेफर किया गया है। संभल में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई जनपदों का पुलिस बल लगाया गया है। कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह, एडीजी रमित शर्मा और डीआईजी मुनिराज जी संभल में ही कैंप किए हुए हैं। बवाल के बाद संभल का बाजार पूरी तरह बंद रहा और दिनभर सन्नाटा पसरा रहा।

संभल की एक स्थानीय अदालत के आदेश पर गत मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था जिसके बाद से संभल में पिछले कुछ दिनों से तनाव व्याप्त है। दरअसल स्थानीय अदालत में एक याचिका दाखिल करके दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था।

मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने संभल में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इस मामले में उपद्रवियों के दो तीन समूह थे जो लगातार गोलीबारी कर रहे थे तथा पुलिस प्रशासन ने सर्वेक्षण करने आई टीम को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला। उन्होंने बताया कि उपद्रव करने वालों में एक समूह के लोग नखासा में चले गये और पथराव शुरू कर दिया। सिंह ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने इन सभी को खदेड़ दिया।

सिंह ने बताया कि इस हिंसा में 20 से 25 वर्ष के बीच की उम्र के तीन लोगों की मौत हुई है। मृतकों की शिनाख्त मोहल्ला कोट गर्वी निवासी नईम, सरायतरीन निवासी बिलाल और हयातनगर निवासी नोमान के रूप में हुई है। मंडल आयुक्त ने कहा कि इस हिंसा, गोलीबारी और पथराव में कुल 20 लोग जख्मी हुए हैं।

वारदात में पुलिस अधीक्षक के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) संजीव कुमार के पैर में गोली लगी है जबकि उप जिलाधिकारी रमेश चंद्र का पैर की हड्डी टूट गई है। इसके अलावा संभल के पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार को भी छर्रे लगे हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में दो महिलाओं समेत 15 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इसके पहले, एक अधिकारी ने बताया कि कुछ लोगों ने सड़क किनारे खड़ी मोटरसाइकिलों में आग लगाने की भी कोशिश की।

अधिकारी ने बताया कि हिंसा के आरोपियों पर कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि सर्वेक्षण की योजना सुबह के समय बनाई गई थी ताकि मस्जिद में होने वाली नमाज में व्यवधान न हो, जो आमतौर पर दोपहर में होती है। इस बीच, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अलका शर्मा ने एक आदेश में संभल तहसील में कक्षा 12वीं तक के सभी स्कूल और कॉलेज सोमवार को बंद रखने के निर्देश दिये हैं।

पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार विश्नोई ने संवाददाताओं को बताया कि मौके पर फिलहाल शांति है तथा संभल में 24 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद करने का अनुरोध किया गया था जिसे शासन ने मंजूरी दे दी है। उनके मुताबिक, अब संभल तहसील में एक दिन के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी। उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों के मोबाइल की कॉल डिटेल और अन्य विवरण की जांच की जा रही है।

एसपी ने कहा कि संभल थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और घायल पुलिसकर्मी अपना बयान दे रहे हैं तथा उनका मेडिकल परीक्षण भी कराया जा रहा है। विश्नोई ने बताया कि घटना में एक हेड कांस्टेबल के सिर में गंभीर चोटे आई हैं और उसे मेरठ मेडिकल कॉलेज भेजा गया है तथा उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर हुई कथित हिंसा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), सरकार और प्रशासन द्वारा राज्य के उपचुनाव में अनियमितताओं पर से ध्यान हटाने के लिए ‘‘रची गई।’’

स्थानीय प्रशासन के अनुसार विवादित स्थल पर अदालत के आदेश के तहत ‘‘एडवोकेट कमिश्नर’’ ने दूसरी बार सर्वेक्षण कार्य सुबह सात बजे के आसपास शुरू किया और इस दौरान मौके पर भीड़ जमा होने लगी। मुरादाबाद के मंडल आयुक्त ने कहा, “सर्वेक्षण शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था, तभी मस्जिद के पास लोगों का एक समूह इकट्ठा हो गया और नारेबाजी करने लगा। जब पुलिस ने इलाके को खाली कराने का प्रयास किया, तो भीड़ में शामिल उपद्रवियों के एक समूह ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।’’

उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों को संभवतः निहित स्वार्थ वाले व्यक्तियों द्वारा उकसाया गया था, जिनका उद्देश्य क्षेत्र में शांति को बाधित करना था। एसपी विश्नोई ने कहा, ‘‘घटनास्थल के पास एकत्रित भीड़ में से कुछ उपद्रवी बाहर आए और उन्होंने पुलिस दल पर पथराव किया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले दागे।’’

उन्होंने कहा कि ड्रोन, सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से लोगों की पहचान की जाएगी। उन्होंने कहा कि पथराव करने वालों और उन्हें उकसाने वालों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। संभल में पथराव और आगजनी पर राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने कहा, ‘‘संभल में स्थिति नियंत्रण में है और हम हालात पर नजर रखे हुए हैं। स्थानीय पुलिस और प्रशासन के सभी अधिकारी मौके पर हैं। जल्द ही असामाजिक तत्वों की पहचान करके उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’

शनिवार को पुलिस और प्रशासनिक कार्रवाई के तहत समाजवादी पार्टी के सांसद के पिता समेत 34 लोगों को शांति भंग की आशंका के मद्देनजर पाबंद किया गया। संभल की उप जिलाधिकारी (एसडीएम) वंदना मिश्रा ने को बताया कि संभल के सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क के पिता ममलूकुर रहमान बर्क सहित 34 लोगों को पाबंद किया गया है।

उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता एवं मामले में याचिकाकर्ता विष्णु शंकर जैन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) चंदौसी के आदेश पर ‘एडवोकेट कमिश्नर’ ने सर्वेक्षण सुबह करीब सात बजे से शुरू किया, वहां की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी पूरी हुई और अब ‘एडवोकेट कमिश्नर’ 29 नवंबर तक अदालत में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।’’

इसके पहले जैन ने बताया था कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया था कि अदालत ने रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे। जैन ने पिछले मंगलवार को कहा था कि मस्जिद से संबंधित याचिका में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार, मस्जिद समिति और संभल के जिलाधिकारी को पक्षकार बनाया गया है।

विष्णु शंकर जैन और उनके पिता हरि शंकर जैन ने ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद सहित उपासना स्थलों से संबंधित कई मामलों में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व किया है। हिंदू पक्ष के स्थानीय वकील गोपाल शर्मा ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अदालत में दाखिल उनकी याचिका में कहा गया है कि ‘‘बाबरनामा और ‘आइन-ए-अकबरी’ किताब में इस बात का उल्लेख है कि जिस जगह पर आज जामा मस्जिद है वहां कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था।’’

उन्होंने यह भी दावा किया कि मंदिर को मुगल बादशाह बाबर ने 1529 में ध्वस्त कराया था। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने इस घटनाक्रम पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा था, ‘‘संभल की जामा मस्जिद ऐतिहासिक और बहुत पुरानी है।” इस मामले में अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी।

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