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Sambhal violence: संभल में जारी हिंसा पर अखिलेश यादव ने दिया चौकाने वाला बयान, जानें क्या कहा…

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर हुई कथित हिंसा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), सरकार और प्रशासन द्वारा राज्य के उपचुनाव में अनियमितताओं पर से ध्यान हटाने के लिए ‘‘रची गई।’’

अधिकारियों ने बताया कि संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को सर्वेक्षण का कार्य दूसरी बार शुरू हुआ लेकिन इस बीच अराजक तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और हल्का बल प्रयोग किया। अधिकारी ने बताया कि दस लोगों को हिरासत में लिया गया है और हिंसा की जांच शुरू कर दी गई है।

एक स्थानीय अदालत के आदेश पर गत मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था जिसके बाद से संभल में पिछले कुछ दिनों से तनाव व्याप्त है। दरअसल स्थानीय अदालत में एक याचिका दायर करके दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है वहां पहले हरिहर मंदिर था। उत्तर प्रदेश उपचुनाव के नतीजे घोषित होने के एक दिन बाद, जिसमें समाजवादी पार्टी को सिर्फ दो सीट मिलीं, जबकि भाजपा और उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने कुल मिलाकर सात सीट जीतीं, यादव ने पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए।

समाजवादी पार्टी प्रमुख यादव ने दावा किया, ‘‘संभल में एक गंभीर घटना हुई। चुनाव के बारे में चर्चा को रोकने के लिए सुबह जानबूझकर एक सर्वेक्षण टीम भेजी गई थी। इसका उद्देश्य अराजकता पैदा करना था ताकि चुनावी मुद्दों पर कोई चर्चा न हो सके।’’ मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि संभल में हुई हिंसा में कई लोग घायल हुए हैं और सवाल किया कि जब मस्जिद का सर्वेक्षण पहले ही हो चुका था, तो फिर से नया सर्वेक्षण क्यों किया गया और वह भी ‘‘सुबह-सुबह और बिना किसी तैयारी के?’’

अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘मैं कानूनी या प्रक्रियात्मक पहलुओं में नहीं जाना चाहता, लेकिन दूसरे पक्ष की बात भी नहीं सुनी गई। यह जानबूझकर भावनाओं को भड़काने और चुनाव में धांधली पर चर्चा से बचने के लिए किया गया था।’’ यादव ने आरोप लगाया, ‘‘संभल में जो कुछ हुआ, वह चुनावी अतियमितताओं से ध्यान हटाने के लिए भाजपा, सरकार और प्रशासन द्वारा रचा गया था।’’

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सच्ची जीत व्यवस्था से नहीं, बल्कि लोगों से होती है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा द्वारा बनाया गया नया लोकतंत्र यह सुनिश्चित करता है कि व्यवस्था हावी रहे और लोग वोट न कर सकें।’’ उन्होंने कहा कि जब भी निष्पक्ष जांच होगी और बूथ रिकॉर्डिंग और सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से सच्चाई सामने आएगी, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि ‘‘मतदाताओं ने अपना वोट नहीं डाला और बूथ के अंदर कोई और मतदाता बन गया।’’

अखिलेश यादव ने दावा किया कि मतदान के दिन पुलिस और प्रशासन ने समाजवादी पार्टी के लगभग सभी बूथ एजेंट और कई समर्थकों को हटा दिया, जो वोट देना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मतदाताओं को वोट देने से रोका गया, तो वोट किसने डाला? अगर समाजवादी पार्टी के वोट उन बूथ तक नहीं पहुंचे और हमारे उम्मीदवार को समर्थन नहीं मिला, तो वहां किसने वोट दिया? यह एक गंभीर मुद्दा है।’’

अखिलेश यादव ने आरोप लगाया, ‘‘इसके अलावा, दो तरह की पर्चियां थीं, एक लाल निशान वाली और दूसरी सामान्य पर्ची। हमने मतदान के दिन ही यह मुद्दा उठाया था, जिसमें कहा गया था कि प्रशासन ने ऐसी व्यवस्था की है, जिससे भेदभाव हो रहा है।’’ कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हाजी रिजवान ने भी आरोप लगाया है कि उनके समर्थकों को वोट देने से रोका गया। कुंदरकी सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा के रामवीर सिंह ने 1.45 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की।

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