

शनि अमावस्या 2025 का दिन विशेष रूप से पितरों के तर्पण और पितृ दोष निवारण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पितरों के प्रति श्रद्धा भाव रखते हुए तर्पण करना न केवल उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक तरीका है, बल्कि यह पितृ दोष को भी समाप्त करता है। शास्त्रों के अनुसार, शनि अमावस्या के दिन कुछ खास मंत्रों का जप पितृ दोष से छुटकारा दिलाने में सहायक होता है।
इन मंत्रों में मुख्य रूप से “ॐ पितृभ्य: स्वाहा” और “ॐ पितृ देवा नम: स्वाहा” का जप किया जाता है। इन मंत्रों का जप करते हुए तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है। साथ ही, शनि ग्रह से संबंधित किसी भी प्रकार की कष्टों और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
यदि किसी व्यक्ति के जीवन में पितृ दोष के कारण कोई समस्या बनी हुई है, तो शनि अमावस्या के दिन तर्पण करना और मंत्रों का जप करना उसे न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि जीवन में आने वाली कठिनाइयों से भी छुटकारा दिलवाता है। इस दिन विशेष पूजा और उपायों के माध्यम से पितरों की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
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शनि अमावस्या पर पितरों के तर्पण के समय कुछ और महत्वपूर्ण मंत्रों का भी जप किया जाता है, जैसे “ॐ शं शनैश्चराय नम:” और “ॐ अत्रि पतये नम:”। ये मंत्र विशेष रूप से शनि ग्रह के प्रभाव को शांत करने में मदद करते हैं और पितृ दोष को समाप्त करने के लिए प्रभावी माने जाते हैं। इस दिन तर्पण के बाद परिवार में शांति, समृद्धि और सुख-समाधि का वातावरण बनता है। इस दिन की पूजा विशेष रूप से उस परिवार के लिए लाभकारी होती है, जिनके पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त नहीं हो पाया हो।