शिक्षा मित्रों का बढ़ेगा मानदेय, निदेशक के साथ फिर हुई वार्ता, जानिए कितनी हो सकती है बढ़ोत्तरी, सरकार भी है पक्ष में
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भूमिका में तैनात शिक्षा मित्रों के मानदेय को लेकर समाधान अब होने वाला है। विभागीय अधिकारियों ने भी माना है कि इनका मानदेय कम है और इसमें बढ़ोत्तरी होनी चाहिए।
गुरूवार को इस संबंध में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र वेलेफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बेसिक व माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ महेन्द्र देव के साथ वार्ता हुई। इस वार्ता के दौरान शिक्षा मित्र संघ के पदाधिकारियों ने निदेशक से समान कार्य का समान वेतन की मांग की है। बता दें कि इससे पहले बेसिक शिक्षा मंत्री ने विधानसभा सत्र में भी विपक्ष की मांग पर विचार करने के लिए कहा था। वहीं कोर्ट ने भी माना है कि शिक्षा मित्रों का मानदेय कम है।
सुबह 10 बजे हुई बैठक
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार को निदेशालय के सभा कक्ष में निदेशक बेसिक शिक्षा के अध्यक्षता में शिक्षामित्र की समस्याओं के निदान के लिए बैठक हुई। बैठक में कमेटी के सभी मेंबर उपस्थित थे निदेशक एनसीईआरटी सचिव परीक्षा नियामक पदाधिकारी प्रयागराज वित्त नियंत्रक मध्यान भोजन संयुक्त शिक्षा निदेशक बेसिक लखनऊ साथ में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र वेलेफेयर एसोसिएशन की ओर से से शिवकुमार शुक्ला एंव रमेश मिश्रा अरविंद वर्मा, रामसेवक पाल, हरनाम, अजय सिंह, सुशील तिवारी, अजीत यादव, चंदौली व आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से विश्वनाथ कुशवाहा के उमेश पांडे जी गदाधर दुबे अनिल जी उमा, अन्य सभी संगठन के साथी उपस्थित रहे।
नियमितीकरण होने तक समान कार्य का वेतन देने की मांग
बैठक में प्रमुख रूप से शिक्षामित्र के स्थाईकरण नियमितीकरण पर चर्चा हुई। इस दौरान नियमितीकरण के होने तक सामान्य कार्य सामान्य वेतन का लाभ देने की मांग की गई। शिक्षा मित्र संघ के पदाधिकारियों ने निदेशक से कहा आर्थिक स्थिति सुदृण होना बहुत ही अति आवश्यक है इसलिए उस पर विचार और चर्चा कर समाधान जरूरी है।
शासन को भेजा जायेगा प्रस्ताव
बैठक में चर्चा के बाद तय निदेशक डॉ महेन्द्र देव ने आश्वासन दिया कि जल्द ही इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा जायेगा। इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। इस बारे में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्ष मित्र संघ के प्रदेश मंत्री कौशल किशोर ने बताया कि शिक्षा मित्र वास्तव में अब बहुत परेशान है। उनको इतना पैसा नहीं मिलता है कि जीवन चल सके। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा मित्र एक शिक्षक के बराबर कार्य कर रहा है लेकिन उसको 12 माह का मानदेय तक नहीं दिया जाता है। इस बैठक में शिक्षा मित्रों की ओर से सुधाकर तिवारी, शाहनवाज, सुशील तिवारी, रामसेवक पाल, अजय सिंह, राजकुमार, प्रदीप विजय चौधरी राजीव यादव, बृजेश, चेतराम, हंसराज , प्रदीप सिंह भी उपस्थित रहे।
5 हजार रुपये तक मानदेय बढ़ सकता है
शिक्षा मित्रों का मानदेय पांच हजार रुपये प्रति माह तक बढ़ सकता है। अभी मौजूदा समय में उन्हें 10 हजार रुपये मानदेय के रूप में दिए जाते हैं। लेकिन ये मानदेय 11 माह तक ही दिया जाता है। वहीं महिला शिक्षा मित्रों के सामने मजबूरी ये भी है कि उनकी नियुक्ति मायके में हुई थी लेकिन वह अब ससुराल पहुंच चुकी हैं। इस स्थिति में नियमित किराया भी उनका अधिक लग रहा है।