परिषदीय विद्यालयों के विलय प्रकिया का विरोध हुआ तेज, सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ‘सेव विलेज स्कूल’ नाम से चल रही मुहिम

लखनऊ: प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के विलय प्रक्रिया का विरोध तेज हो गया है। शिक्षक संगठनों के साथ प्रतियोगी छात्र भी इसके विरोध में उतर आए हैं। छात्रों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ‘सेव विलेज स्कूल’ के नाम से मुहिम छेड़ दी है। बीटीसी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीतेश पांडेय ने स्कूलों के विलय का विरोध करते हुए कहा कि इस निर्णय से ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों को शिक्षा से वंचित रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह आरटीई एक्ट का भी उल्लंघन है। अगर सरकारी स्कूलों में नामांकन घट रहा है तो इसका समाधान शिक्षक और संसाधन बढ़ाकर किया जाए, न कि स्कूलों का विलय कर।
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय सिंह ने सरकार से छात्र, शिक्षा व शिक्षक को प्रभावित करने वाले इस निर्णय को तुरंत वापस लेने की मांग की है। साथ ही कहा है कि ऐसा न करने पर संघ बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होगा। उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों की एक किलोमीटर की परिधि में किसी भी प्राइवेट स्कूल को मान्यता न देने का प्रावधान है। फिर भी विभागीय अधिकारी नियमों का उल्लंघन करते हुए परिषदीय विद्यालयों के एक किलोमीटर की परिधि में ही प्राइवेट स्कूलों को मान्यता दिए हुए हैं। सरकार पहले अभियान चलाकर गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों को बंद करे। उसके बाद परिषदीय स्कूलों के एक किलोमीटर की परिधि में दिए गए सभी नियम विरुद्ध मान्यता को वापस ले।
संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय सचिव दिलीप चौहान ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता में शिक्षा और स्वास्थ्य होना चाहिए। यदि ऐसे विद्यालय बंद कर दिए जाएंगे तो गरीब और पिछड़े क्षेत्रों के बच्चों को जरूरी शिक्षा से वंचित होना पड़ेगा। वहीं उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी ने भी इस निर्णय का विरोध करने की बात कही है। यह निर्णय छात्र व शिक्षक किसी के हित में नहीं है।