चीन में पहले ही बेरोजगारी का संकट गहराया हुआ है। हाल ही में चीन ने अपने बेरोजगारी के नए आंकड़े देने में भी आनाकानी की है। वहीं दूसरी ओर चीन आबादी कम होने और देश में बूढ़ों की संख्या ज्यादा होने के कारण जन्मदर में कमी की समस्या से भी जूझ रहा है। प्रजनन दर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है, जिसने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की नींद उड़ा दी है। 2016 में एक बच्चा नीति को खत्म कर दिया था। अब तो सरकार 3 बच्चे पैछा करने की मंजूरी दे रही है।
चीन के सरकारी आंकड़ों पर अगर यकीन करें तो साल 2022 में देश की प्रजनन दर एतिहासिक तौर पर गिर गई और 1.09 पर पहुंच गई हैं। चीन के सरकारी रिसर्च इंस्टीट्यूट चाइना पॉपुलेशन एंड डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर के जनसांख्यिकी विशेषज्ञों की तरफ से बताया गया है कि पिछले साल की प्रजनन दर साल 2021 के 1.15 के आंकड़े से भी कम हो गई है।
बिना बच्चों वाले कपल की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई
यह डेटा जापान से भी कम है, जहां पर वृद्धों की संख्या सबसे ज्यादा है। दक्षिण कोरिया से थोड़ा सा ज्यादा है जहां पर प्रजनन दर 0.8 होने का अनुमान है। हांगकांग स्थित फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन की मानें तो चीनी क्षेत्र में बिना बच्चों वाले जोड़ों की संख्या ‘खतरनाक’ स्तर तक पहुंच गई है। मंगलवार को आई एक स्टडी के मुताबिक साल 2017 और 2022 के बीच बिना बच्चों वाले कपल की हिस्सेदारी दोगुनी से ज्यादा 20.6 फीसदी से 43.2 फीसदी तक हो गई है।
हांगकांग की जनसंख्या में 2.1 फीसदी का इजाफा
जहां एक ओर चीन की आबादी कम होने की समस्या से वह परेशान है, वहीं इस हफ्ते आए सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि जून तक 12 महीनों में हांगकांग की जनसंख्या में 2.1 फीसदी का इजाफा हुआ है। साल 2020 में कोविड-19 के कड़े बैन और आंदोलन के खिलाफ चीनी एक्शन के बीच एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा ह। इन दोनों ही कारणों की वजह से काफी लोग हांगकांग से चले गए थे।
चीन में बूढ़ों की बढ़ती आबादी चिंता का विषय
चीन की जनसंख्या छह दशकों में पहली बार पिछले साल 850,000 घटकर 1.41 बिलियन रह गई। सदी के अंत से पहले इसके एक अरब से भी नीचे आने का अनुमान है। इस साल अप्रैल में, भारत की जनसंख्या अनुमानित 1.43 बिलियन हो गई। यह चीन को पछाड़कर दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया। चीन की घटती जनसंख्या के अलावा वृद्धों की बढ़ती आबादी नीति निर्माताओं के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है।
2016 में खत्म कर दी थी एक बच्चा पैदा करने की अनुमति
साल 2016 में, चीन ने अपनी एक-बच्चा नीति को खत्म कर दिया था। यह नीति साल 1979 से जारी थी। अब देश में हर कपल को तीन बच्चे तक पैदा करने की मंजूरी दे रहा है। कुछ प्रांत प्रतिबंधों में ढील देने में आगे बढ़ गए हैं। जनवरी में 80 मिलियन से ज्यादा लोगों वाले सिचुआन प्रांत ने जन्म पंजीकरण पर सभी प्रतिबंध हटा दिए थे। साथ ही प्रति माता-पिता बच्चों की संख्या पर लगी सीमा भी खत्म कर दी।