UPSWAN 3.0 के जरिए ई-गवर्नेंस के ‘नए युग’ में प्रवेश करेगा उत्तर प्रदेश

- ई-गवर्नेंस प्रक्रिया में शामिल विभिन्न प्रणालियों को सुदृढ़ करने के सीएम योगी के विजन को धरातल पर उतारने का माध्यम बनेगा UPSWAN 3.0
- प्रदेश में पहले से लागू यूपी स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (UPSWAN 2.0) का है आधुनिक वर्जन, बेहतर सुरक्षा प्रणाली समेत कई खूबियों से होगा लैस
- UPSWAN 3.0 के जरिए तहसील व ब्लॉक हेडक्वॉर्टर, कमिश्नरेट ऑफिस तथा विकास भवनों को जोड़ने की तैयारी, कनेक्टिविटी, मॉनिटरिंग व पारदर्शिता बढ़ाने में मिलेगी मदद
- आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने शुरू की तैयारी, उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट सिस्टम्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीडेस्को) इंप्लीमेंटेशन के लिए नोडल एजेंसी नियुक्त
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार प्रदेश में ई-गवर्नेंस प्रक्रिया के आधुनिकीकरण व सुदृढ़ीकरण पर फोकस कर रही है। सीएम योगी का विजन है कि प्रदेश में ई-गवर्नेंस प्रक्रिया में शामिल विभिन्न प्रणालियों को न केवल धरातल पर उतारा जाए, बल्कि आधुनिकता का समावेश करते हुए उसे भविष्य की जरूरतों अनुरूप अपग्रेड किया जाए। इससे न केवल सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि गुड गवर्नेंस का मार्ग भी प्रशस्त होता है। इसी कड़ी में एक बड़े प्रयास के तौर पर जल्द ही प्रदेश में उत्तर प्रदेश स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (UPSWAN 3.0) को लागू करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उल्लेखनीय है कि UPSWAN 3.0 प्रदेश में पहले से लागू UPSWAN 2.0 का आधुनिक वर्जन है जो कि राज्य में ई-गवर्नेंस के लिए आधारभूत संचार अवसंरचना के रूप में कार्य करता है।
राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NeGP) के तहत शुरू किया गया UPSWAN पूरे राज्य में शासकीय स्तर पर सरकारी कार्यालयों को संचार से जोड़ने में सहायक रहा है। वहीं, UPSWAN 3.0 के जरिए बेहतर सुरक्षा प्रणाली समेत कई खूबियों से लैस करने की तैयारी है जिससे कनेक्टिविटी, मॉनिटरिंग व पारदर्शिता बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसे लागू करने के लिए आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस क्रम में, उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट सिस्टम्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीडेस्को) को नोडल एजेंसी नियुक्त करते हुए प्रदेश भर में इंप्लीमेंटेशन का जिम्मा सौंपा गया है।
बेहतर कनेक्विटी का माध्यम बनेगा UPSWAN 3.0
प्रदेश में UPSWAN 3.0 के जरिए शासकीय स्तरों पर सरकारी कार्यालयों को उन्नत इंटरफेस, बेहतर सिक्योरिटी व उत्तम कनेक्टिविटी से जोड़ने की तैयारी है।
इस कड़ी में, यूपीडेस्को द्वारा एक कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके अनुसार, पूरे राज्य में UPSWAN 2.0 से जुड़ने से वंचित रह गए कार्यालयों को जोड़ने की तैयारी है। प्रदेश में स्टेट हेडक्वॉर्टर, कमिश्नरेट ऑफिसेस व जिला मुख्यायल पहले ही जोड़े जा चुके हैं। जबकि, प्रदेश के 351 तहसील मुख्यालयों में से 235 तथा 828 ब्लॉक मुख्यालयों में से 574 को जोड़ने में सफलता मिली है। ऐसे में, UPSWAN 3.0 के जरिए 116 तहसील मुख्यालयों, 254 ब्लॉक मुख्यालयों तथा 75 विकास भवनों को जोड़ने की तैयारी है।
डायनामिक ट्रैफिक रूटिंग में होगा मददगार
UPSWAN 3.0 का उद्देश्य शासन में आईटी सॉल्यूशंस के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देकर विभागों में डिजिटल विभाजन को कम करना है। यह इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स को लागू करने के साथ ही उन्नत तकनीकों को प्रभावी बनाकर एक स्केलेबल, कॉन्फ़िगर करने योग्य व भविष्य की जरूरतों के अनुसार बुनियादी ढांचा प्रदान करेगा।
यह स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क तकनीक को एकीकृत करेगा ताकि मल्टीप्रोटोकॉल स्विचिंग (MPLS) और इंटरनेट लीज्ड लाइन्स (ILL) में डायनामिक ट्रैफिक रूटिंग सुनिश्चित की जा सकेगी। इससे वर्तमान और भविष्य की दोनों मांगों को पूरा करने का फ्रेमवर्क तैयार होगा। यह सेंट्रलाइज्ड मैनेजमेंट, ऑटोमेशन, रेगुलर मॉनिटरिंग, ईजी टू डिप्लॉय व एंड प्वॉइंट डिटेक्शन एंड रिस्पॉन्स (ईडीआर) से युक्त होगा।
महत्वपूर्ण सरकारी अनुप्रयोगों को कनेक्विटी देने का बनेगा जरिया
UPSWAN 3.0 का उन्नत नेटवर्क फ्रेमवर्क उत्तर प्रदेश राज्य डेटा सेंटर (यूपीएसडीसी) में होस्ट किए गए महत्वपूर्ण सरकारी अनुप्रयोगों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जो ई-ऑफिस और अन्य मिशन-महत्वपूर्ण ई-गवर्नेंस प्रणालियों जैसी आवश्यक सेवाओं का समर्थन करेगा। यह सरकारी संचालन और नागरिक सेवाओं दोनों की बदलती जरूरतों के अनुकूल होगा।
इसके जरिए इनक्रिप्टेड कम्यूनिकेशन, एंड टू एंड डाटा एनक्रिप्शन, नेक्स्ट जेनरेशन फायरवॉल्स (एनजीएफडब्ल्यू), इंट्रूजन डिटेक्शन प्रिवेंशन सिस्टम (आईएस-आईपीएस) तथा एडवांस्ड परसिस्टेंट थ्रेट (एपीटी) प्रोटेक्शन जैसी साइबर रक्षण प्रणालियां लागू हो सकेंगी। यह नई सुविधाओं को जोड़ने, एकीकृत करने, हाइब्रिड कनेक्टिविटी ऑप्शंस को बढ़ावा देने, स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल्स का इस्तेमाल करने और नेटवर्क ऑपरेशंस के सरलीकरण को बढ़ावा देकर ईजी एक्सेस को प्रमोट करेगा।