पंजाब सरकार (Punjab Government) ने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) से मिले पैनल के विचार के आधार पर वीरेश कुमार भावरा (VK Bhavra) को नए डीजीपी (DGP) के रूप में नियुक्त किया है. वीके भावरा 1987 बैच के आइपीएस अफसर हैं. बड़ी बात यह है कि वीके भावरा को ऐसे समय डीजीपी नियुक्त किया गया है, जब पंजाब सरकार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सूरक्षा में चूक को लेकर किरकिरी हो रही है.
डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की जगह लेंगे भावरा
राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज चुनाव आचार संहिता लागू होने से कुछ घंटे पहले ही उनके नाम पर मुहर लगाई है. चन्नी सरकार ने उनके नाम की आधिकारिक घोषणा भी कर दी है. वीरेश कुमार भावरा वर्तमान डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय (Siddharth Chattopadhyaya) की जगह लेंगे.
UPSC से प्राप्त पैनल के विचार के आधार पर IPS वीरेश कुमार भावरा को पंजाब के नए DGP के रूप में नियुक्त किया गया है। pic.twitter.com/4MQhjHgcwy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 8, 2022
बता दें कि यूपीएससी ने डीजीपी के पद के लिए तीन अफसरों का चयन किया था, जिसमें 1987 बैच के ही दिनकर गुप्ता, वीके भावरा और 1988 बैच के प्रबोध कुमार थे.
पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के बाद सवालों के घेरे में थे डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक होने के कारण पद से हटाया गया है. प्रोटोकॉल के तहत राज्य के डीजीपी और मुख्य सचिव को प्रधानमंत्री के काफिले के साथ रहना जरूरी है, लेकिन दोनों अधिकारी उस वक्त काफिले में नहीं थे. इतना ही नहीं डीजीपी की ओर से रूट क्लियर होने का ग्रीन सिग्नल मिला था. उसके बाद ही प्रधानमंत्री सड़क के रास्ते रवाना हुए थे. लेकिन आगे सड़क को प्रदर्शनकारियों ने जाम कर रखा था.