

विपक्ष ने राज्यसभा सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है, जिसमें 60 सांसदों के हस्ताक्षर शामिल हैं। इस प्रस्ताव को लाने का उद्देश्य सभापति द्वारा किए गए कुछ निर्णयों और उनके कार्यशैली पर सवाल उठाना है। संसद की कार्यवाही में विपक्ष ने यह आरोप लगाया है कि कुछ निर्णय पक्षपाती थे, और उनकी निष्पक्षता पर संदेह किया है।
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अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए संविधान और संसद के नियमों के तहत एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है, जिसमें आवश्यक संख्या में सांसदों के हस्ताक्षर होना जरूरी होता है। इस प्रस्ताव के जरिए विपक्ष का उद्देश्य राज्यसभा के कार्य संचालन में सुधार और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूती देना है। अब यह देखना होगा कि इस प्रस्ताव पर संसद में क्या कदम उठाए जाते हैं और इसका परिणाम क्या होता है।